नामुमकिन सा काम है सदर तहसील में धारा 80 कराना:GDA से मांगी जा रही एनओसी; रिजेक्ट हो रहे आवेदन

Sep 15, 2025 - 06:00
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नामुमकिन सा काम है सदर तहसील में धारा 80 कराना:GDA से मांगी जा रही एनओसी; रिजेक्ट हो रहे आवेदन
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GIDA) की तर्ज पर अब गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) के अधिसूचित क्षेत्र में धारा 80 कराना नामुमकिन सा हो गया है। शासन के निर्देश पर तहसील प्रशासन को GDA से एनओसी लेना अनिवार्य हो गया है। लेकिन GDA किसी को एनओसी नहीं जारी कर रहा है। नतीजा यह हो रहा है कि धारा 80 की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। पिछले लगभग 4 महीने से यह बदलाव आया है। GIDA क्षेत्र की जमीनों के धारा 80 के लिए सहजनवा तहसील की ओर से GIDA से एनओसी मांगा जाता था। कुछ मामलों को छोड़ दें तो अधिकतर में एनओसी के आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं। GDA के अधिसूचित क्षेत्रों में पहले इस कार्य के लिए एनओसी नहीं मांगी जाती थी। जिससे समय सीमा पूरी होने पर आसानी से धारा 80 कर दिया जाता था। जानिए GDA क्यों नहीं दे रहा एनओसी GDA में एनओसी देने की जिम्मेदारी प्लानिंग विभाग की है। विभाग का कहना है कि जब प्राधिकरण की महायोजना है। भू उपयोग निर्धारित है तो वहां हम एनओसी कैसे दे सकते हैं। यही कारण है कि जब भी एनओसी के लिए आवेदन आ रहा है, उसे निरस्त कर दिया जाता है। हर महीने 15 से 20 आवेदन धारा 80 के आवेदन बड़े पैमाने पर किए जाते हैं। लेकिन GDA से एनओसी की अनिवार्यता के बाद लोगों की परेशानी बढ़ गई है। 319 गांव GDA द्वारा अधिसूचित हैं। इनमें से कई गांव महायोजना 2031 में शामिल नहीं हैं, इसलिए वहां लोग व्यावसायिक उपयोग के लिए धारा 80 करायी जाती है। हर महीने प्राधिकरण के पास 15 से 20 आवेदन एनओसी के आ रहे हैं लेकिन हर बार उसे निरस्त करना पड़ रहा है। अब जानिए क्या होता है धारा 80 धारा 80 का मतलब है उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 के अंतर्गत एक प्रावधान जो कृषि भूमि को गैर-कृषि प्रयोजन के लिए घोषित करने से संबंधित है। इस धारा के तहत, यदि किसी भूमि का उपयोग खेती न होकर अन्य किसी औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय या टाउनशिप के उद्देश्य से किया जा रहा हो, तो भूमि को धारा 80 के अंतर्गत गैर-कृषि घोषित किया जाता है। इसके लिए भूमि के वास्तविक उपयोग की जांच उपजिलाधिकारी या संबंधित अधिकारी द्वारा की जाती है और 45 कार्य दिवसों के भीतर आवेदन पर फैसला दिया जाता है। इस प्रक्रिया में भूमि पर जांच कर यह पुष्टि की जाती है कि जमीन अब कृषि उपयोग में नहीं है और फिर उसे गैर-कृषि भूमि के रूप में कराधान किया जाता है। यह धारा मुख्यतः राजस्व वित्तीय व्यवस्था और भूमि उपयोग के सही लेखे-जोखे के लिए बनाई गई है। इस धारा की मदद से भूमि मालिक गैर-कृषि उपयोग के लिए वैध रूप से भूमि का दर्जा बदलवा सकते हैं। अब जानिए GDA की बात GDA के उपाध्यक्ष आनन्द वर्द्धन का कहना है कि शासन के निर्देश के बाद तहसील की ओर से प्राधिकरण से एनओसी मांगी जा रही है। हमारे यहां से अभी तक कोई एनओसी जारी नहीं किया गई है।

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