प्रयागराज के केंद्रीय कारागार नैनी से उत्तर प्रदेश की पांच जेलों की रसोई का संचालन किया जा रहा है। यहां बंद सजायाफ्ता बंदी जेल परिसर में हरी सब्जियों और आलू की खेती कर रहे हैं। इस काम के लिए उन्हें प्रतिदिन 60 से 80 रुपए का मेहनताना मिलता है। बंदियों की मेहनत को जेल के अधिकारी भी सराहना करते है। जेल अधीक्षक रंग बहादुर पटेल के अनुसार, बंदी धूप, बरसात या ठंड में नियमित रूप से बाग में काम करते हैं। उनकी कड़ी मेहनत से जेल में बंद बंदियों को भोजन मिलता है। जेल में खेती से होने वाले उत्पादन की बात करें तो जेल में इस बार 1221 कुंतल आलू का उत्पादन हुआ है। इसमें से 645 कुंतल आलू की आपूर्ति पांच जेलों में की गई है। साथ ही कुल 273.50 कुंतल हरी सब्जियों की भी आपूर्ति की गई है। उन्होंने बताया कि खेती के लिए पर्याप्त खाद और पानी की व्यवस्था भी की जाती है। जिसके लिए बाउंड्री वालों के चारों तरफ नल की व्यवस्था अंदर कुएं की व्यवस्था की जाती है। जिससे खेती के दौरान पानी की समस्या ना हो सके और हरी सब्जियों की सिंचाई बराबर होती रहे। जेल प्रशासन मौसम के अनुसार सब्जियों का उत्पादन करवाता है। बंदियों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखा जाता है। बीमार बंदियों को काम पर नहीं भेजा जाता। उन्हें भोजन में अधिक हरी सब्जियां दी जाती हैं। जेल अधीक्षक रंगबहादुर ने बताया कि प्रदेश की पांच जिलों को यहां से हरी सब्जियां और आलू के साथ प्याज भी भेजा जाता है। सेंट्रल जेल खेती के मामले में शुरू से ही आगे रहा है। यहां के सजायाफ्ता बंदी अपनी कड़ी मेहनत से अन्य जेल के लिए सब्जियों का उत्पादन करते हैं। सब्जियों की आपूर्ति की गई है। इन जेलों की रसोई नैनी सेंट्रल जेल से प्राप्त सब्जियों से चल रही है। उन्होंने बताया कि खेती के दौरान उत्पादन होने वाली सब्जियों शासन से अनुमति मिलने पर अन्य जेलों में भेजी जाती है। आपूर्ति का विवरण इस प्रकार है: जिला जेल प्रयागराज को 249 कुंतल, फतेहपुर को 50 कुंतल बांदा को 85 कुंतल कौशांबी को 166 कुंतल महोबा को 100 कुंतल