निवेश पर कई गुना मुनाफा मिलने का झांसा देकर कारोबारी के साथ साइबर ठगी करने गिरोह के दो सदस्यों को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। साइबर क्राइम थाने की पुलिस द्वारा दबोचे गए आरोपियों के खाते में ठगी की रकम ट्रांसफर हुई थी। विवेचना में दोनों आरोपियों का नाम सामने आया था। एडिशनल डीसीपी साइबर मनीषा सिंह ने बताया कि 12 जून को सेक्टर-27 निवासी व्यक्ति साइबर थाने पहुंचा और खुद के साथ निवेश के नाम पर तीन करोड़ 26 हजार रुपए की ठगी होने की शिकायत दी। निवेश में लाभ दिखाया निवेश पर लाभ कमाने का झांसा देकर ठगों ने विभिन्न खातों में उससे रकम ट्रांसफर करा ली थी। मामला संज्ञान में आते ही पुलिस ने अज्ञात ठगों के खिलाफ केस दर्ज किया और मामले की जांच शुरु कर दी। एडीसीपी साइबर की अगुवाई में टीम ने जब जांच आगे बढ़ाई तो सामने आया कि हाथरस के सासनी निवासी दो युवकों के खाते में ठगी की कुछ रकम गई है। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने दबिश देना शुरू किया। बुधवार को दोनों को यमुना एक्सप्रेसवे से गिरफ्तार कर लिया गया। 43 लाख रुपए कराए फ्रीज आरोपियों की पहचान सुमित शर्मा और आकाश शर्मा के रूप में हुई। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज करते ही ठगी की 43 लाख रुपए की रकम को फ्रीज करा दिया था। 25 लाख रुपए पीड़ित के मूल खाते में वापस पहुंच जाए इसके लिए भी साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने संबंधित बैंक के अधिकारियों को मेल किया है। आरोपियों के जिन खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर हुई, पुलिस ने जब उन खातों को एनसीआरपी पोर्टल पर चेक किया तो इसपर दो शिकायतें यूपी और चेन्नई में दर्ज हुई मिली। नेपाल से खाता किया आपरेट पूछताछ में आरोपी सुमित शर्मा ने बताया कि उसने अपने साथी के साथ मिलकर धोखाधड़ी की और ठगी के 22 लाख रुपए प्राप्त किए। सुमित शर्मा के खाते पर एक एनसीआर चेन्नई में दर्ज है। ठगी में सुमित की मदद उसके दोस्त आकाश शर्मा ने की। सुमित के खाते को आकाश ने ऑपरेट किया और नेपाल जाकर खाते में प्राप्त की गई,यहीं से रकम को अन्य खातों में ट्रांसफर कर दिया। कुछ ही रकम आकाश ट्रांसफर कर पाया था, इसी दौरान खाता पुलिस ने फ्रीज करा दिया गया।