पंजाब में लगातार बारिश और बाढ़ को देखते हुए राज्य सरकार ने पूरे पंजाब को आपदा प्रभावित घोषित कर दिया है। इस समय प्रदेश के सभी 23 जिले बाढ़ की चपेट में हैं और 1200 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं। सबसे ज्यादा असर गुरदासपुर के 324 गांवों पर पड़ा है। अमृतसर में 135, बरनाला में 134 और होशियारपुर में 119 गांव प्रभावित हुए हैं। 30 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 3 लोग अब भी लापता हैं। इसी बीच प्रदेश के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने चेतावनी दी है कि नंगल इलाके में लगातार बारिश हो रही है, जिससे खड्डों और सतलुज के किनारे गांवों के बांध कमजोर हो गए हैं। उन्होंने लोगों से तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। हरिके पत्तन हेड वर्क्स से 3 लाख 5 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद प्रशासन ने तरनतारन को हाई फ्लड एरिया घोषित कर दिया है। इस पानी का असर फाजिल्का और फिरोजपुर के कई गांवों में पड़ेगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान आज संगरूर में बाढ़ प्रभावित एरिया का जायजा लेने जाएंगे। पंजाब में बाढ़-राहत कार्य की तस्वीरें.. बाढ़ से जुड़े 4 अहम अपडेट्स... पंजाब के मुख्य सचिव के. ए. पी. सिन्हा ने एक आधिकारिक पत्र जारी कर पूरे राज्य को आपदा प्रभावित घोषित कर दिया है। पत्र में बताया गया है कि लगातार बारिश और डैम से पानी छोड़े जाने के कारण राज्य के 1200 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों और विभागों को पत्र में 6 निर्देश भी दिए हैं... मुख्य सचिव के 6 आदेश, जो अब होंगे लागू.... 1. जिला मजिस्ट्रेट के आदेश: जिला मजिस्ट्रेट को अधिकार दिया गया है कि अगर किसी इलाके में बाढ़ या आपदा का खतरा गंभीर हो जाए, तो वे कानून के तहत सभी जरूरी आदेश जारी कर सकते हैं। इसका मकसद है कि प्रभावित इलाकों में जल्द और सही कदम उठाए जाएं, ताकि लोगों की जान और उनकी संपत्ति की सुरक्षा हो सके। 2. जिलों की आपदा प्रबंधन इकाइयां (DDMA): हर जिले की DDMA तुरंत प्रभावित लोगों की मदद करें। इसमें खाद्य सामग्री, पानी, दवा और सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराना शामिल है। उनका काम है कि लोग सुरक्षित रहें और राहत सामग्री समय पर पहुंचे। इससे बाढ़ के दौरान लोगों की परेशानियों को कम किया जा सके। 3. सभी विभाग सक्रिय रहें: राज्य के सभी विभाग अपने आपातकालीन कामों में पूरी तरह लगे रहें। कर्मचारियों को वीकेंड या छुट्टी की परवाह किए बिना अपनी ड्यूटी पर रहना जरूरी है। इससे राहत और बचाव के काम समय पर और प्रभावी ढंग से हो सकें। 4. सेवाओं को तुरंत बहाल करें: PWD, जल संसाधन विभाग और बिजली विभाग (PSPCL) तुरंत अपनी सेवाएं बहाल करें। इसका मतलब है कि सड़कें, बिजली, पानी और अन्य बुनियादी सेवाएं प्रभावित इलाकों में सही समय पर उपलब्ध हों। सभी विभाग और DDMA यह भी सुनिश्चित करें कि लोगों तक सामान और जरूरी सेवाएं आसानी से पहुंचे। 5. फोन और इंटरनेट सेवाएं चालू रखें: सभी टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे मोबाइल और लैंडलाइन सेवाएं तुरंत बहाल करें और लगातार ठीक रखें। इससे बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों का संपर्क बना रहेगा और आपातकालीन मदद आसानी से पहुंच सकेगी। 6. पंचायत और स्थानीय निकाय सहयोग करें: सभी पंचायत और शहरी निकाय (नगर निगम, नगर पालिका) आपातकालीन राहत, सेवाओं और बचाव कार्य में पूरी मदद करें। वे DDMA और राज्य के विभागों के साथ मिलकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने, राहत सामग्री पहुंचाने और सेवाओं को सुचारू रूप से चलाने में मदद करेंगे। मौसम से जुड़ी पल-पल की अपडेट्स जानने के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए...