कप्तानगंज थाना क्षेत्र के मठिया गांव में सोमवार देर रात दो परिवारों के बीच छेड़छाड़ के मामले को लेकर विवाद बढ़ गया। दबंगों ने एक परिवार के घर में घुसकर मारपीट की और लड़की के दरवाजे पर भी हमला किया। विवाद बीते एक साल से चला आ रहा था। जब पीड़ित परिवार के तीन लोग घायल हुए तो गाँव के कुछ लोग आरोपियों के घर को घेर लिया। इस बीच पुलिस को सूचना दी गई, लेकिन पुलिस का रवैया विवाद बढ़ाने वाला साबित हुआ। मृतक प्रभु साहनी की पत्नी रंभा देवी को पुलिस ने जेल भेज दिया। गुजरात में कमाई कर रहे प्रभु साहनी को यह खबर सुनकर इतना सदमा लगा कि उनकी मौत हो गई। उनके भाई अमरनाथ ने भावुक होकर बताया, "कोई आम आदमी अपराध करे तो पुलिस कार्रवाई करती है, लेकिन जब पुलिस ही जुल्म करे तो कौन सजा देगा?" मृतक की 18 वर्षीय बेटी ऋतु रो-रोकर कहती हैं, "पुलिस वालों ने हमारे घर में मारा, सब तोड़ दिया। हमारे पापा भी छोड़ कर चले गए। बस हमारी मां को लौटाओ।" मृतक की बेटी रिंझु ने कहा, "पड़ोसियों से आपसी मारपीट हुई। पुलिस ने हमारी सजा हमें दी। मां की तबीयत खराब थी, मैं मायके आई तो वहां भी पुलिस ने मां को जेल भेज दिया। पिता सदमे में दम तोड़ गए। न्यायिक जांच होनी चाहिए।" पुलिस के तांडव ने पूरे गांव में भय फैलाया गांव में कई थानों की पुलिस पहुंची और ग्रामीणों को पीटा-मारपीट की। घरों में जमकर तोड़फोड़ हुई। मृतक के घर की दो कमरों की टीनशेड तक बर्बाद हो गई। ऋतु ने आठ दिन पहले खेतों में मजदूरी करके सिलाई मशीन खरीदी थी, जो पुलिस के तांडव में टूट गई। परिवार का कोई भी सदस्य अब सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है। मुकदमा और जेल की कार्रवाई पुलिस ने 22 नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। छह महिलाओं समेत 18 लोगों को जेल भेजा गया, जिनमें रंभा देवी भी शामिल हैं। कुशीनगर जिले में प्रभु साहनी के शव आने पर परिवार और रिश्तेदारों ने अंतिम संस्कार की अनुमति जिला न्यायालय में मांगी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। गांव में डर और भविष्य पर असर गांव में पुलिस की कार्रवाई के डर से लोग घर छोड़कर भाग रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस केवल विवादित दो परिवारों को ही नहीं, बल्कि पूरे गाँव को प्रताड़ित कर रही है