फर्रुखाबाद के पांचाल घाट पर 3 जनवरी से शुरू होने वाले एक माह के मेला श्री राम नगरिया की तैयारियां तेज हो गई हैं। अब तक करीब 10 हजार संत और श्रद्धालु कल्पवास के लिए घाट पर पहुंच चुके हैं। यह मेला 3 फरवरी तक चलेगा। मेले की आधिकारिक शुरुआत से पहले ही श्रद्धालुओं और संतों का आगमन शुरू हो गया है। विभिन्न संप्रदायों के संतों ने अपने-अपने क्षेत्र स्थापित कर लिए हैं, जबकि गंगा किनारे श्रद्धालुओं के तंबू भी लग गए हैं। ये श्रद्धालु एक माह तक इन तंबुओं में रहकर कल्पवास करेंगे। सुविधाओं का तेजी से हो रहा निर्माण प्रशासन द्वारा कल्पवासियों के लिए सुविधाओं का तेजी से निर्माण कराया जा रहा है। लगभग 1000 शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से करीब 650 बनकर तैयार हो चुके हैं। संतों के अखाड़ों और श्रद्धालुओं के लिए नलों की व्यवस्था भी की जा रही है। सांस्कृतिक पंडाल का लगभग 60 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। पंडाल के पास विकास प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जिसमें करीब 40 स्टॉल होंगे। सुरक्षा के लिए अस्थायी कोतवाली और चौकियां सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए अस्थायी कोतवाली का निर्माण कार्य जारी है। इसमें पुलिसकर्मियों के ठहरने की भी व्यवस्था होगी। मेला क्षेत्र में 9 चौकियां बनाई जाएंगी। एटा से पीएसी की एक प्लाटून भी सुरक्षा ड्यूटी के लिए पहुंच चुकी है। भगवा रंग में रहेगा पंडाल घाट पर लगने वाला मेला प्रशासनिक पंडाल सहित विकास प्रदर्शनी के पंडाल भगवा रंग में रहेंगे। पूरे मेले में 9 गेट बनाए जा रहे हैं, जो भगवा रंग के होंगे। गेटों के निर्माण का कार्य भी चल रहा है।
बताया गया कि यहां करीब 1000 दुकानें लगेंगी। शुक्रवार तक 488 दुकानों की रसीद काटी जा चुकी थी। यहां 10x10 जगह की दुकानें दुकानदारों को 10 हजार से लेकर 20 हजार रुपये तक में मिल रही हैं। मेला क्षेत्र में बनाए जाएंगे तीन अस्पताल मेले में संतों व श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए एलोपैथिक, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक के अलग-अलग तीन अस्पताल बनाए जाएंगे। यहां चिकित्सकों सहित स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। दंडी संतों ने मेला व्यवस्थापक को सौंपा ज्ञापन सुभाष आश्रम के दंडी मंडल के अध्यक्ष ने बताया कि मेला रामनगरिया में उनका अलग क्षेत्र लगता है। उन्होंने कहा कि संतों की तीनों समितियों ने अपनी सहमति से बीते वर्ष उन्हें अध्यक्ष बनाया था।
बताया कि यहां एक अन्य संत आ गए हैं, जिन्होंने खुद को अध्यक्ष बताया है, जबकि दंडी मंडल का अध्यक्ष केवल दंडी संत ही हो सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनका कार्य बंद कर दिया गया है। पहले नल आदि की व्यवस्था उनके क्षेत्र में आती रही है। उन्होंने बताया कि 16 आश्रमों के संत उनके पास आ रहे हैं और व्यवस्था कराने की बात कह रहे हैं, लेकिन वे व्यवस्था नहीं करा पा रहे हैं। मेला रामनगरिया में सभी संतों के कार्यों की स्वीकृति कराई जाती है।
उन्होंने मेला व्यवस्थापक को अपनी समस्या से अवगत कराते हुए ज्ञापन सौंपा है। मेला व्यवस्थापक ने जल्द ही व्यवस्था पूर्ण कराने का आश्वासन दिया है। बैठक में बड़ी संख्या में संत मौजूद रहे।