बुलंदशहर में करीब दस साल पुराने जानलेवा हमले के मामले में न्यायालय ने पिता-पुत्र सहित तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने तीनों को सात-सात वर्ष के कठोर कारावास और प्रत्येक पर 13,500 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। यह घटना सिकंदराबाद थाना क्षेत्र में वर्ष 2015 में खेत की जुताई के दौरान हुए मामूली विवाद के बाद हुई थी। 27 जुलाई 2015 को सिकंदराबाद थाना क्षेत्र के गांव मुरादाबाद निवासी सविता सिंह ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उनके जेठ बृजपाल सिंह अपने खेत में जुताई कर रहे थे। जुताई के दौरान ट्रैक्टर से बराबर के खेत में पानी चला गया, जिस पर पड़ोसी संजय, सुंदर और सुंदर के पुत्र सचिन ने विवाद शुरू कर दिया। विवाद बढ़ने पर आरोपियों ने बृजपाल सिंह पर जानलेवा हमला कर दिया और फायरिंग शुरू कर दी। गोली बृजपाल के बाजू और पेट में लगी थी। घटना के समय वादी के पति सतेंद्र और भतीजे अवनीश भी मौके पर मौजूद थे। पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। विवेचना पूरी होने के बाद फरवरी 2016 में पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।यह मामला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) कक्ष संख्या-12 की अदालत में न्यायाधीश गोपालजी के समक्ष सुनवाई के लिए आया। अदालत ने सबूतों के आधार पर संजय, सुंदर और सचिन को मारपीट, हत्या की धमकी और जानलेवा हमले का दोषी पाया।