पीलीभीत की सदर कोतवाली क्षेत्र की एक युवती ने वर्षों तक चले अत्याचार की दिल दहला देने वाली दास्तान पुलिस को सुनाई है। पीड़िता का आरोप है कि 2016 में एक युवक ने खुद को राहुल बताकर दोस्ती की और फिर मोहब्बत के नाम पर झांसा देकर जिंदगी बर्बाद कर दी। जब शादी की बात आई, तब जाकर उसे पता चला कि युवक का असली नाम दानिश है। पहले तो उसने निकाह और धर्म परिवर्तन से इनकार किया, लेकिन बाद में भावनात्मक दबाव डालकर जबरन धर्म बदलवाया और मौलवी की मौजूदगी में निकाह कराया गया, जहां उसका नाम बदलकर ‘अर्सी’ रख दिया गया। निकाह के बाद शुरू हुआ जुल्म, गौमांस खिलाने का आरोप पीड़िता ने बताया कि शादी के कुछ ही दिनों बाद उस पर बुरका पहनने और नमाज पढ़ने का दबाव बनाया गया। विरोध करने पर उसकी सास मुन्नी ने बुरी तरह पीटा। युवती का गंभीर आरोप है कि उसे जबरन गौमांस खिलाया गया, और मना करने पर शारीरिक प्रताड़ना दी गई। पति ने किया अप्राकृतिक यौन शोषण, देवर ने किया बलात्कार एफआईआर के अनुसार, पीड़िता ने बताया कि दानिश ने उसके साथ गुदा मैथुन किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। एक दिन जब वह घर पर अकेली थी, तो दानिश का भाई नाजिम जबरन घर में घुसा और बलात्कार किया। इस दौरान वह दो बच्चों की मां बनी, लेकिन अत्याचारों का सिलसिला नहीं थमा। कई बार भागने की कोशिश की, मगर हर बार दानिश उसे पकड़कर बेरहमी से पीटता था। 30 जून को भागकर बचाई जान, पुलिस ने दर्ज की रिपोर्ट आखिरकार, 30 जून की शाम को वह किसी तरह जान बचाकर घर से भागी और पुलिस के पास पहुंची। पीड़िता ने सारी बात बताते हुए तहरीर दी, जिसके बाद पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। युवती ने स्पष्ट किया है कि वह अब दानिश से कोई रिश्ता नहीं रखना चाहती। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपों की विवेचना कर उचित कार्रवाई की जाएगी। पुलिस के लिए चुनौती, मामला संवेदनशील यह मामला केवल धोखाधड़ी या घरेलू हिंसा का नहीं, बल्कि धार्मिक आस्था, महिला उत्पीड़न और सामाजिक ताने-बाने से जुड़ा संवेदनशील मुद्दा बन गया है। पुलिस के सामने अब सच्चाई तक पहुंचकर दोषियों को सजा दिलाने की बड़ी जिम्मेदारी है।