प्रतापगढ़ में सुहागिन महिलाओं ने रविवार को करवा चौथ का पर्व उत्साहपूर्वक मनाया। पति की लंबी उम्र और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए महिलाओं ने पूरे दिन निर्जला व्रत रखा। शाम को चंद्र दर्शन के बाद पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रत का पारण किया। व्रती महिलाओं ने इस विशेष पर्व की तैयारी पहले से ही कर ली थी। रविवार का पूरा दिन उन्होंने सजने-संवरने और पूजन की तैयारियों में बिताया। सूर्यास्त से पहले ही महिलाओं ने सोलह शृंगार कर पूजन की व्यवस्थाएं पूरी कर ली थीं। सूर्यास्त के बाद भगवान शिव और माता गौरी की मूर्ति स्थापित कर विधि-विधान से पूजा की गई। महिलाओं ने अपने पतियों की दीर्घायु और परिवार के लिए सुख-समृद्धि की कामना की। जैसे ही पूरब दिशा में चंद्रदेव की रोशनी बिखरनी शुरू हुई, व्रती महिलाओं के चेहरे खिल उठे। चंद्रदेव के प्रकाशमान होने पर व्रती महिलाओं ने उन्हें अर्घ्य दिया और चलनी से अपने पति का दीदार किया। इसके बाद पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रत का पारण किया गया। ज्योतिषाचार्य आलोक ऋषि वंश ने करवा चौथ की कथा सुनाई। कथा के उपरांत महिलाओं ने भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर पतियों की दीर्घायु की कामना की। मंदिर परिसर में महिलाओं ने पारंपरिक गीत गाए और एक-दूसरे को व्रत की बधाई दी।
जिला कारागार प्रतापगढ़ में भी करवा चौथ का पर्व भावनात्मक माहौल में मनाया गया। कारागार में निरुद्ध पांच महिला बंदियों ने व्रत रखा, जिनके पति भी जेल में बंद हैं। कारागार प्रशासन ने इन व्रती महिलाओं के लिए पूजा सामग्री उपलब्ध कराई और विशेष व्यवस्था की। शुक्रवार को मुलाकात के दौरान 105 महिलाएं अपने सगे-संबंधियों से मिलने कारागार पहुंचीं। इनमें से कई महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखे थीं और अपने पति से आशीर्वाद लेकर भावुक हो उठीं।