प्रयागराज में हाइवे पर उस समय हंगामा मच गया जब गिट्टी से लदी ट्रकों की जांच के दौरान इंटरसेप्टर लिखी कार में बैठी एक महिला अफसर ने कुछ ट्रक को जांच के बाद छोड़ दिया। जिसके चलते ट्रक चालकों ने महिला अफसर से तीखी बहस की। आरटीओ की टीम ने सोरांव मंडी क्षेत्र में कई ट्रकों को रोककर उनके दस्तावेज और लोडिंग की जांच शुरू की। जांच के दौरान कुछ ट्रकों को पास दिया गया जबकि कई वाहनों को ओवरलोडिंग और दस्तावेजों की कमी के चलते रोककर जुर्माना लगाया गया। इसी बीच कुछ ट्रक मालिक मौके पर पहुंच गए और आरटीओ अधिकारी से तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। ट्रक मालिक ने अधिकारी पर जबरन वसूली का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रभावशाली लोगों से जुड़े ट्रकों को बिना जांच छोड़ दिया जाता है, जबकि सामान्य ट्रक मालिकों को परेशान किया जा रहा है। उनका दावा है कि एक गाड़ी से 8 से 9 हजार रुपए तक वसूले जाते हैं। मालिकों ने आगे आरोप लगाया कि यह वसूली केवल प्रयागराज में नहीं बल्कि चित्रकूट और कौशांबी जिलों की सीमाओं पर भी जारी है। हर जिले में प्रति ट्रक 9 से 10 हजार रुपये तक की वसूली की जाती है। उन्होंने बताया कि जिलों में मौजूद हर थाने से लगभग 40 हजार रुपए महीने और आरटीओ के लिए अलग से 20 से 30 हजार रुपए देने पड़ते हैं। ट्रक मालिकों का कहना है कि खनन और खनिज विभाग भी प्रति गाड़ी से महीने का पैसा वसूलता है। कोई चालक पैसा देने से इनकार करे तो उस पर ओवरलोडिंग का चार्ज लगाकर 2 से 3 लाख रुपए तक का जुर्माना ठोंक दिया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि जुर्माना न देने पर गाड़ियों को 10 से 15 दिन तक खड़ा कर लिया जाता है। जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान होता है। कई बार ओवरलोडिंग के नाम पर 20 हजार से लेकर 1-2 लाख रुपए तक की अवैध मांग की जाती है। मामले के दौरान आरटीओ ऑफिसर और ट्रक चालक दोनों एक-दूसरे की वीडियो रिकॉर्डिंग करते नजर आए। बढ़ते विवाद को देखकर आसपास के लोगों की भीड़ जुट गई और मामला तूल पकड़ लिया।