प्रयागराज के मझगांव, रामनगर बादशाहपुर निवासी 48 वर्षीय विजय बहादुर पटेल की सर्पदंश से मृत्यु हो गई। यह घटना 11 अक्टूबर 2025 को शाम लगभग 4 बजे हुई, जब वे अपने खेत में काम कर रहे थे। सांप ने उनके पैर में काट लिया, जिसके बाद उन्होंने आसपास काम कर रहे लोगों को आवाज दी।मौके पर पहुंचे लोगों ने देखा कि सांप वहीं बैठा था। वे तत्काल विजय बहादुर को जिला अस्पताल ले गए। वहां उनकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें स्वरूपरानी हॉस्पिटल प्रयागराज रेफर कर दिया। स्वरूपरानी हॉस्पिटल में इलाज शुरू होते ही उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और लगभग दो घंटे बाद उनका निधन हो गया।किसान की मृत्यु के बाद शव का पोस्टमार्टम कराया गया। इसके उपरांत, 12 अक्टूबर 2025 को शाम लगभग 7 बजे फूलपुर के हेतापट्टी घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।विजय बहादुर पटेल अपने पीछे पत्नी और दो नाबालिग पुत्रों, नीरज पटेल और धीरज पटेल को छोड़ गए हैं। वे क्षेत्र में एक समाजसेवी के रूप में भी जाने जाते थे।अंतिम संस्कार में सरदार पटेल महासभा के जिलाध्यक्ष प्रयागराज, श्री जी.वी. भाई पटेल एडवोकेट, ने पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की और यथासंभव मदद का आश्वासन दिया। इस दौरान समाजसेवी राजबहादुर पटेल, आशीष पटेल, जीतेन्द्र कुमार पटेल सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे। सभी ने घाट पर दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।