भास्कर न्यूज | फतेहपुर फतेहपुर प्रखंड के आसनबेड़िया पंचायत के दिनारी नदी टोला स्थित दो चापाकलों से अविरत पानी बहने की समस्या बनी हुई है। ग्रामीणों के अनुसार यह चापाकल लाल हेम्ब्रम के घर के सामने तथा दूसरा राजीव मरांडी के घर के सामने है। खास बात यह है कि दोनों चापाकलों से चौबीसों घंटे पानी निकलता रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि ये चापाकल वर्ष 1992 में गड़वाए गए थे। तब से अब तक हर साल जून माह से लेकर नवंबर माह तक इनमें से पानी लगातार बहता रहता है। ग्रामीण बताते हैं कि यह पानी काफी साफ और मीठा होता है, लेकिन उसका उपयोग सही तरीके से नहीं हो पाता। खेतों में सिंचाई या अन्य किसी सामुदायिक कार्य में उपयोग की ठोस व्यवस्था न होने के कारण यह बहुमूल्य पानी यूं ही नाली और गड्ढों में बहकर बेकार हो जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस पानी को संग्रहित कर सही दिशा में उपयोग किया जाए तो खेती-बारी और पशुपालन में काफी सहूलियत मिलेगी। चापाकलों से बहने वाला पानी तालाब या टंकी में संग्रहित कर दिया जाए तो यह आसपास के गांवों के लिए भी वरदान साबित हो सकता है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस विषय पर ध्यान दिया जाए और इस प्राकृतिक जलस्रोत को बेकार जाने से बचाने के लिए उचित पहल की जाए। ग्रामीणों का मानना है कि यदि इस बहते पानी का वैज्ञानिक तरीके से उपयोग हो, तो यह पूरे इलाके की पानी की समस्या दूर कर सकता है। भू-जल दबाव से निकल रहा पानी : डॉ दीनानाथ फतेहपुर प्रखंड के दिनारी नदी टोला स्थित चापाकल से लगातार पानी निकलने की घटना पर भूगोल विभाग के विशेषज्ञों ने कारण बताए हैं। नाला डिग्री कॉलेज के भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. दीनानाथ ठाकुर ने कहा कि भूजल स्तर ऊंचा होने, मानसून में जलस्तर बढ़ने, दवाबयुक्त जलभृत अथवा दरारदार चट्टान के कारण ऐसी स्थिति बन सकती है। नदी, झील या तालाब के नजदीकी क्षेत्रों में भूजल का पुनर्भरण तेजी से होता है। ऐसे इलाकों में नलकूप या चापाकल करने पर अचानक जलधारा फूटने लगती है। इसे भूगर्भीय संरचना से जुड़ी स्वाभाविक प्रक्रिया माना जाता है।