लखनऊ की चिनहट पुलिस ने खुद को आईएएस अफसर बताने वाले फर्जी अधिकारी विवेक को शुक्रवार को जेल भेज दिया। विवेक पर आरोप है कि उसने नौकरी दिलाने का झांसा देकर करीब 150 बेरोजगारों से 80 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी की है। पुलिस अब उसके गैंग में शामिल बहनों और अन्य साथियों की तलाश में दबिश दे रही है। कई राज्यों तक फैला था फर्जीवाड़े का जाल पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि विवेक ने झारखंड, दिल्ली, बिहार और गुजरात समेत कई राज्यों में अपना नेटवर्क फैला रखा था। वह इन राज्यों के सैकड़ों लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर मोटी रकम ऐंठ चुका है। शुरुआत में पुलिस और सीआईडी की पूछताछ में वह खुद को बेकसूर बताकर गुमराह करता रहा, लेकिन जब पुलिस ने साक्ष्य सामने रखे, तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। चिनहट इंस्पेक्टर दिनेश चंद्र मिश्रा के मुताबिक आरोपी की बहन विधि मिश्रा और अन्य की तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है। उम्मीद है कि उनकी गिरफ्तारी के बाद गिरोह से जुड़ी और भी महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आएंगी। झारखंड का रहने वाला है मास्टरमाइंड विवेक झारखंड के बोकारो जिले के चास स्थित शिवपुरी कॉलोनी का रहने वाला है। पूछताछ में यह भी सामने आया कि वह बीते 10 वर्षों से इस तरह की ठगी कर रहा था। होटल में हुई थी मुलाकात, वहीं से शुरू हुआ ठगी का खेल डॉ. आशुतोष नाम के एक व्यक्ति ने बताया कि वह विवेक को करीब 10 साल से जानते हैं। उनकी मुलाकात रायबरेली रोड स्थित एक होटल में हुई थी। वहीं पर विवेक ने उनके एक साथी को गुजरात सरकार में जनसंपर्क अधिकारी बनाने का झांसा देकर 5 लाख रुपये ठगे थे। पुलिस अब विवेक के बैंक खातों, लेन-देन और ठगी की रकम कहां और कैसे खर्च की गई, इसकी भी जांच कर रही है।