महराजगंज में फाइलेरिया की जांच के लिए नाइट ब्लड सर्वे शुरू किया गया है। जिले के 12 ब्लॉक में से प्रत्येक से दो गांवों का चयन किया गया है। प्रति गांव 300 लोगों की रक्त पट्टिका बनाई जाएगी। कुल 24 गांवों के 7200 लोगों की जांच की जाएगी। इस सर्वे में 20 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का रक्त परीक्षण किया जाएगा। प्रत्येक गांव से एक सेंटीनल और एक रैंडम गांव का चयन किया गया है। सर्वे के लिए तिथिवार गांवों का रोस्टर तैयार कर लिया गया है और लैब टेक्नीशियन को प्रशिक्षित कर दिया गया है। डिप्टी सीएमओ डॉ. केपी सिंह के अनुसार, क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फाइलेरिया का संक्रमण फैलता है। यह रोग शरीर के लटकने वाले अंगों को प्रभावित करता है। इससे हाइड्रोसील या हाथ पांव की बीमारी हो सकती है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. नीलोत्पल कुमार ने बताया कि रात में खून का सैंपल लिया जाएगा। रात के समय फाइलेरिया के परजीवी सक्रिय होते हैं। इससे सटीक रिपोर्ट मिल पाती है। सहायक जिला मलेरिया अधिकारी अनिल चौरसिया ने फाइलेरिया के लक्षणों के बारे में जानकारी दी। इनमें बुखार, खुजली, पैरों और हाथों में सूजन शामिल हैं। यह बीमारी धीरे-धीरे गंभीर रूप ले सकती है।