गांधी जयंती के अवसर पर फिक्की फ्लो लखनऊ चैप्टर ने गुरुवार को डालीबाग स्थित खादी ग्राम उद्योग भवन में 'कारीगर मेला 2025' का आयोजन किया। इस मेले में देश-प्रदेश के कारीगरों ने अपनी पारंपरिक कलाओं और उत्पादों का प्रदर्शन किया। आगंतुकों ने अमेठी के मूंज उत्पाद, कन्नौज की सुगंध, अवधी चांदी के जूते, मधुबनी कला, उत्सव उपहार, आभूषण, क्रोशिया, हड्डी की नक्काशी, कांच के उत्पाद और जीवनशैली वस्तुओं को खूब सराहा। मेले को शानदार प्रतिक्रिया मिली, जिससे हस्तनिर्मित और प्रामाणिक उत्पादों की आधुनिक जीवनशैली में प्रासंगिकता सिद्ध हुई। कारीगरों को बेहतर बाजार और उचित मूल्य दिलाने का प्रयास मेले का उद्घाटन खादी एवं ग्रामोद्योग तथा एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने किया। उन्होंने कहा कि फिक्की फ्लो ऐसे आयोजनों के माध्यम से प्रदेश के कारीगरों को बेहतर बाजार और उचित मूल्य दिलाने का प्रयास करता है। उन्होंने हस्तनिर्मित स्वदेशी उत्पादों और बुनकरों की कला को विशेष प्रोत्साहन मिलने की बात कही। कारीगरों को बाजार के साथ-साथ पहचान फिक्की फ्लो लखनऊ चैप्टर की चेयरपर्सन वंदिता अग्रवाल ने बताया कि इस मेले का उद्देश्य कारीगरों को बाजार के साथ-साथ पहचान और आजीविका के अवसर प्रदान करना है। इस अवसर पर इवेंट चेयर अदिति जग्गी और रिया पंजाबी ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। राष्ट्रीय हथकरघा एवं हस्तशिल्प प्रमुख स्वाति वर्मा शामिल हुईं। इस अवसर पर पूर्व चेयरपर्सन आरुषि टंडन, विभा अग्रवाल, समिति सदस्य सिमरन साहनी, देवांशी सेठ, स्मृति गर्ग, शमा गुप्ता, भावना अनिमेष, प्रज्ञा अग्रवाल, वनिता यादव सहित फ्लो के 150 से अधिक सदस्य मौजूद रहे।