बलिया जिले के फेफना थाना क्षेत्र के नसीराबाद गांव के चंडीगढ़ में इलाज के दौरान बीएसएफ जवान मनोहर पांडेय (39) की मौत हो गई। बेटे की मौत की खबर सुनते ही मां बसंती देवी (65) ने सदमे में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। शनिवार शाम दोनों का एक साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। मनोहर का शव सुबह करीब 7:30 बजे इंडिगो की फ्लाइट से लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचा, जहां से सड़क मार्ग से उसे पैतृक गांव लाया जा रहा है। वहीं बसंती देवी के शव का पोस्टमॉर्टम शनिवार दोपहर किया जाएगा। 2008 में BSF में भर्ती हुए थे मनोहर नसीराबाद निवासी मनोहर पांडेय 2008 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे। पहली पोस्टिंग दिल्ली में मिली थी। 2012 में उनकी शादी अन्नू से हुई। परिवार में दो बेटियां हैं—बड़ी बेटी माही (13 साल) और एक माह की छोटी बेटी। पिता का साया बचपन में ही उठ गया थामनोहर जब सिर्फ 3 साल के थे, तब ही उनके पिता शारदानंद पांडेय की मौत हो गई थी। मां बसंती देवी ने संघर्ष कर अकेले बेटे को बड़ा किया और उसे फौजी बनाया। लेकिन मनोहर पिछले कुछ सालों से ब्रेन ट्यूमर से जूझ रहे थे। 2018 में पहला ऑपरेशन हुआ और जनवरी 2025 में दूसरा ऑपरेशन चंडीगढ़ में हुआ। गुरुवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पत्नी पर टूटा दुखों का पहाड़पति और सास—दोनों को खोने के बाद अब अन्नू पांडेय पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। दो बेटियों के भविष्य को लेकर परिवार और गांव के लोग गहरे चिंतित हैं। एक ओर 13 साल की बेटी को संभालना है तो दूसरी ओर गोद में एक माह की मासूम है। गांव में हर कोई कह रहा है कि इस दुख की घड़ी में अब परिवार को सिर्फ ईश्वर ही सहारा दे सकते हैं।