बलरामपुर के भगवतीगंज स्थित एसपीएम अस्पताल में प्रसव के बाद एक महिला की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। स्वास्थ्य विभाग ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। शंकरपुर गांव निवासी पवन कश्यप की पत्नी शीला (32) को 31 अक्टूबर की रात प्रसव पीड़ा हुई थी। परिवारजन उन्हें जिला महिला अस्पताल ले गए, जहां ऑपरेशन संभव न होने की बात कहकर लौटा दिया गया। इसके बाद शीला को भगवतीगंज के एसपीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। परिजनों के अनुसार, अस्पताल संचालक ने 28 हजार रुपये में ऑपरेशन करने की बात कही। रात करीब 11:20 बजे संयुक्त जिला चिकित्सालय में तैनात महिला सर्जन डॉ. मेधावी सिंह ने ऑपरेशन कर बच्ची को जन्म दिलाया। परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद डॉ. मेधावी सिंह दोबारा मरीज को देखने नहीं आईं। शनिवार सुबह से शीला की हालत बिगड़ने लगी। स्वजन लगातार डॉक्टर को बुलाने की गुहार करते रहे, लेकिन अस्पताल कर्मी टालते रहे। शाम करीब 4:30 बजे शीला की स्थिति गंभीर हो गई। काफी कहने के बाद डॉक्टर लगभग ढाई घंटे की देरी से अस्पताल पहुंचीं। परिवार का आरोप है कि डॉ. मेधावी सिंह ने बिना इलाज किए शीला को गोंडा या लखनऊ रेफर करने की सलाह दी। परिजन शीला को लेकर अस्पताल से निकले ही थे कि कुछ ही दूरी पर उनकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि इलाज में देरी के चलते शाम करीब 7 बजे शीला की जान चली गई। मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। स्थिति बिगड़ती देख अस्पताल के कर्मचारी मौके से भाग निकले। सूचना पर डायल 112 पुलिस पहुंची और स्थिति को संभाला। परिजन डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग पर अड़े रहे। मृतका के पिता अशोक कश्यप, निवासी लालपुर लैबुड्डी ने बताया कि उनकी बेटी की जान डॉक्टर की लापरवाही से गई है। उन्होंने डॉ. मेधावी सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए थाने में तहरीर दी है।