बलिया में तीन दिनों की लगातार बारिश और तेज हवाओं के बाद रविवार को धूप निकली। इस बारिश के कारण धान की खड़ी फसलें खेतों में गिर गईं, जिससे किसानों को नुकसान हुआ है। अब किसान खेतों में जमा पानी के बीच गिरी हुई और लगी हुई धान की फसल को काटकर निकालने में जुट गए हैं। बीते तीन दिनों की तेज हवाओं और लगातार बारिश ने खेतों में खड़ी धान की फसलों को गिरा दिया, जिससे किसानों की महीनों की मेहनत बर्बाद हो गई। बारिश रुकने के बाद किसान दोबारा खेतों में उतर आए हैं और धान की बालियों व फसलों को निकालने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि कटाई योग्य बनाकर नुकसान को कुछ हद तक कम किया जा सके। किसानों का कहना है कि इस मौसमी बदलाव ने उनकी कमर तोड़ दी है। एक तरफ फसलें गिर गई हैं, वहीं दूसरी ओर धान में पानी भर जाने से सड़ने का खतरा भी बढ़ गया है। किसान विनय कुमार यादव ने सरकार से क्षति का आकलन कराकर सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है। देखें 5 तस्वीरें... इस बीच, जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने राजस्व टीम को फसलों के नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए हैं। जिला कृषि अधिकारी पवन कुमार प्रजापति के अनुसार, जनपद में लगभग 80 हजार हेक्टेयर में धान की फसल लगाई गई थी। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, करीब दस प्रतिशत यानी लगभग 8 हजार एकड़ फसल के नुकसान होने की संभावना है। क्षति का सही आंकड़ा विस्तृत पड़ताल के बाद ही सामने आ सकेगा।