मथुरा के वृंदावन में स्थित बांके बिहारी कॉरिडोर को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रशासन तैयारियों में जुट गया है। कॉरिडोर जहां बनेगा उस क्षेत्र का सर्वे करने के लिए टीम गठित कर दी गई है। बांके बिहारी कॉरिडोर की योजना पर 600 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही 150 करोड़ रुपए बजट में पास कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने दी थी स्वीकृति 15 मई को बांके बिहारी कॉरिडोर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकृति दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को श्री बाँके बिहारी मंदिर का फंड प्रयोग कॉरिडोर विकास के लिए अनुमति दी थी। इस फंड से मंदिर के आसपास 5 एकड़ भूमि अधिग्रहण की जाएगी। शर्त यह रहेगी कि यह भूमि देवता के नाम पर रजिस्टर होगी। प्रशासन ने बनाई सर्वे टीम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मथुरा प्रशासन ने बांके बिहारी कॉरिडोर को लेकर तैयारी शुरू कर दी। 5 दिन पहले ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सभागार में मथुरा विजन 2030 की हुई बैठक में अधिकारियों ने कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण को इसकी रूपरेखा की जानकारी दी थी। अब जिला प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र में सर्वे करने के लिए एक टीम बना दी है। यह टीम भवनों का सर्वे करेगी। 2023 में हुआ था सर्वे बांके बिहारी कॉरिडोर को लेकर जनवरी 2023 में सर्वे हुआ था। लेकिन मामला कोर्ट में पहुंचने के बाद सर्वे अटक गया था। मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि 2023 में हुए सर्वे के बाद अब 2 साल से ज्यादा का समय हो गया है इस दौरान काफी कुछ बदला है। इसलिए एक बार फिर सर्वे कराया जाएगा। इसके लिए जिलाधिकारी ने एक टीम बनाई है। जिसमें राजस्व,नगर निगम,PWD, विकास प्राधिकरण के अधिकारी शामिल हैं। यह टीम शासन से अनुमति मिलने के बाद सर्वे की कार्यवाही शुरू कर देगी। 600 करोड़ रुपए की है योजना मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने बताया कि बांके बिहारी कॉरिडोर की योजना 600 करोड़ रुपए की है। इसमें प्रभावित लोगों को मुआवजा देने के अलावा कॉरिडोर के निर्माण की राशि शामिल है। बांके बिहारी कॉरिडोर लगभग 5 एकड़ एरिया में बनेगा। कॉरिडोर में प्रभावित कुल 276 भवन आयेंगे। जिसमें से 188 मकान हैं जबकि बाकी दुकान हैं। प्रभावित लोग नहीं हों निराश बांके बिहारी कॉरिडोर को लेकर प्रभावित लोग कुंज गलियों का हवाला देकर विरोध कर रहे हैं। इसको लेकर उनमें असमंजस बना हुआ है। इसको लेकर मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है। जिनके भवन जाएंगे उनको उचित नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा। जिनकी दुकान जाएंगी उनको कॉरिडोर में बनने वाली दुकान प्राथमिकता के आधार पर दी जाएंगी। श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि कॉरिडोर को लेकर सुप्रीम कोर्ट से स्वीकृति मिलने के बाद शासन से अनुमति मिलने का इंतजार है। शासन से अनुमति मिलने के बाद सबसे पहले सर्वे कराया जाएगा।