बांदा में SIR यानी विशेष गहन पुनरीक्षण की तैयारी शुरू हो चुकी है। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूचियों के विशेष पुनरीक्षण को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। जिलाधिकारी जे. रीभा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित इस बैठक में सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्यीय राजनीतिक दलों के पदाधिकारी शामिल हुए। जिलाधिकारी ने राजनीतिक दलों से 1 जनवरी, 2026 के आधार पर किए जा रहे इस पुनरीक्षण में सहयोग करने और अपने-अपने बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) नियुक्त करने का आग्रह किया। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के आर्टिकल 324 के सेक्शन 21 और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960 के प्रावधानों के तहत समय-समय पर विशेष पुनरीक्षण कराता है। प्रदेश में इससे पहले 2003 में ऐसा पुनरीक्षण हुआ था। इसका मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन रखना, सभी पात्र व्यक्तियों के नाम शामिल करना, अपात्र व्यक्तियों के नाम हटाना और प्रविष्टियों की त्रुटियों को शुद्ध करना है। 4 नवंबर से 4 दिसंबर, 2025 तक गणना आयोग द्वारा जारी विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम के अनुसार, 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक तैयारी और प्रशिक्षण होगा। इसके बाद 4 नवंबर से 4 दिसंबर, 2025 तक गणना अवधि निर्धारित की गई है। 5 दिसंबर से 8 दिसंबर तक कंट्रोल टेबल का अपडेशन और ड्राफ्ट इलेक्टोरल की तैयारी की जाएगी, जिसका प्रकाशन 9 दिसंबर, 2025 को होगा। 7 फरवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन दावे और आपत्तियां 9 दिसंबर, 2025 से 8 जनवरी, 2026 तक प्राप्त की जाएंगी, जिनकी सुनवाई व सत्यापन 31 जनवरी, 2026 तक पूरा होगा। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 7 फरवरी, 2026 को किया जाएगा। जिलाधिकारी ने राजनीतिक दलों से तुरंत बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) नियुक्त करने और इसकी सूचना संबंधित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी या जिला निर्वाचन कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि बीएलओ और राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बीएलए घर-घर सर्वेक्षण से पहले बैठक करेंगे और प्रक्रिया की जानकारी लेंगे। बीएलओ, बीएलए के साथ मिलकर ड्राफ्ट मतदाता सूची का अवलोकन कर आवश्यक सुधारों की पहचान करेंगे।