नगर कोतवाली क्षेत्र में दिनदहाड़े हुए वाहिद हत्याकांड का फैसला कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया। जिला जज ने सभी 12 आरोपियों को दोषी माना है और 19 अगस्त को आरोपियों को सजा सुनाई जाएगी। 13 साल तक चले मामले में सभी जीवित आरोपियों को दोषी करार दिए जाने के बाद वाहिद के चाचा रईस ने कहा कि उन्हें अदालत पर पूरा भरोता था। वाहिद उनके बड़े भाई का बेटा था। उन्होंने उसे गोद लिया हुआ था। वारदात वाले दिन से करीब छह माह पहले ही उसकी शादी हुई थी। मौत के कुछ समय बाद ही उसकी पत्नी ने एक पुत्र को जन्म दिया था। अदालत के फैसले के बाद उन्हें सुकून मिला है। सरेआम हुआ था खौफनाक कत्ल वाहिद हत्याकांड में अदालत ने बृहस्पतिवार को जीवित सभी 12 आरोपियों को दोषी करार दिया है। तीन आरोपियों की विचारण के दौरान मौत हो चुकी है। 21 अगस्त 2012 को शहर के मोहल्ला रुकनसराय निवासी यूसुफ के बेटों फरीद, आसिफ, शहजाद, कासिम ने मोहल्ले के रईस के रिश्तेदार खुर्जा निवासी आजाद पर जानलेवा हमला कर दिया था। इसका मुकदमा नगर कोतवाली पर दर्ज कराया गया था। इसी रंजिश में 24 अगस्त 2012 को खूनी संघर्ष हुआ था। तमंचे, रिवाल्वर और पिस्टल से अंधाधुंध फायरिंग की गई थी। गोली लगने से रईस के भतीजे वाहिद की मौके पर ही मौत हो गई थी। रईस की तहरीर पर नगर कोतवाली में 15 आरोपियों के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने सभी 15 अभियुक्तों के खिलाफ जांच पूरी कर चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की थी। आरोपी याद मोहम्मद, यूसुफ और रहीस की मौत हो चुकी है। बृहस्पतिवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंजीत सिंह श्योराण ने वाहिद की हत्या के 12 आरोरियों फरीद, असगर, इस्तखार, फारुख, खलील, चमन, वाहिद, साजिद, लुकमान, हाजी शाहिद, अनवार और अशरफ को दोषी करार दिया है। इसके बाद सभी दोषियों को न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार भेज दिया गया। न्यायालय परिसर में उमड़ा दोनों पक्षों का हुजूम दोनों पक्षों की ओर से भारी संख्या में लोग बृहस्पतिवार को अदालत पहुंचे थे। परिजनों के अलावा मोहल्ले के लोग भी थे।