बुलंदशहर में वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 330 के पार दर्ज किया गया, जबकि सोमवार को यह 280 था। हवा की गुणवत्ता बिगड़ने से लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार सुबह शहर के कई इलाकों में धूल और धुएं की परत साफ देखी गई। हालांकि, दोपहर में हल्की धूप निकलने से मौसम साफ हुआ, लेकिन प्रदूषण का स्तर बरकरार रहा। प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण विभाग द्वारा प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए नियमित छिड़काव और सफाई अभियान चलाने का दावा किया जा रहा है। हालांकि, जमीनी हकीकत इन दावों से अलग दिख रही है। आवास विकास निवासी सोनू ने बताया कि अधिकारी केवल प्रदूषण नियंत्रण मशीनों के आसपास ही पानी का छिड़काव कर रहे हैं, जबकि अन्य इलाकों में सड़कों पर धूल उड़ रही है। शहर में कई स्थानों पर निर्माण कार्य, खुले में कूड़ा जलाना और वाहनों का धुआं लगातार प्रदूषण के स्तर को बढ़ा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 के कणों की मात्रा निर्धारित सीमा से कई गुना अधिक हो चुकी है। यह स्थिति बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों के लिए विशेष रूप से खतरनाक है। नगर क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण की जिम्मेदारी नगर पालिका, ट्रैफिक पुलिस और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PCB) की संयुक्त टीम पर है। हालांकि, लगातार बढ़ते प्रदूषण स्तर से यह स्पष्ट है कि जमीनी कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक शहर में सड़क धूल नियंत्रण, वाहन जांच और कूड़ा प्रबंधन पर सख्त कदम नहीं उठाए जाते, तब तक प्रदूषण का स्तर सामान्य नहीं होगा।