एटा में पुलिस भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता को धता बताते हुए अवागढ़ थाना क्षेत्र के एक युवक ने नाम और दस्तावेज बदलकर केंद्रीय व राज्य सुरक्षा बलों की परीक्षाओं को चकमा देने की कोशिश की। लेकिन पुलिस वैरिफिकेशन में उसकी साजिश की परतें खुल गईं। आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। क्या है पूरा मामला... अभिषेक पुत्र रामब्रज निवासी एटा 2022 में गृह मंत्रालय के अधीन केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की आरक्षी पद की परीक्षा में शामिल हुआ था। अपनी उम्र छिपाने और पात्रता हासिल करने के लिए उसने अपने भाई के शैक्षणिक दस्तावेजों का सहारा लिया। एक अन्य अभ्यर्थी अजय जादौन के नाम से परीक्षा दी। परीक्षा के दौरान निगरानी कर रहे अधिकारियों को उस पर शक हुआ। उसे रंगे हाथों पकड़कर जेल भेज दिया गया। आरोपी ने कोर्ट से जमानत तो ले ली, लेकिन अपनी असली पहचान नहीं बताई। फिर यूपी पुलिस की परीक्षा में दोबारा खेल कुछ समय बाद उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। इस बार अभिषेक ने अपने असली नाम से आवेदन किया, न केवल लिखित और शारीरिक परीक्षा पास की। बल्कि नियुक्ति पत्र भी प्राप्त कर लिया। लेकिन जब गोपनीय पुलिस सत्यापन (वैरिफिकेशन) शुरू हुआ, तो अभिषेक की पहले की करतूतें उजागर हो गईं। इसके बाद एटा पुलिस हरकत में आई। जैसे ही मामला सामने आया। अवागढ़ थाना पुलिस ने आरोपी अभिषेक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। उस पर कूट रचित दस्तावेजों का प्रयोग करने और उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। यह भी देखा जा रहा है कि कहीं आरोपी के पीछे कोई संगठित गिरोह तो नहीं है। आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पुलिस उसकी पिछली गतिविधियों और नेटवर्क की पड़ताल कर रही है। भर्ती बोर्ड को भी पूरे मामले से अवगत कराया गया है। संभावना है कि यूपी पुलिस में मिली नियुक्ति रद्द कर दी जाएगी।