इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने भिखारियों के पुनर्वास के सम्बंध में केंद्र व राज्य सरकार के अधिवक्ताओं को निर्देश प्राप्त कर न्यायालय को जानकारी देने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता व न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की खंडपीठ ने आशीष कुमार मिश्रा की ओर से वर्ष 2016 में दाखिल जनहित याचिका पर दिया है। पहले दिए गए आदेश के अनुपालन में राज्य सरकार की ओर से एक शपथपत्र भी दाखिल किया गया, जिस पर याची की ओर से न्यायालय को बताया गया कि इस शपथपत्र से ही स्पष्ट है कि भिखारियों के शेल्टर होम्स की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई है जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने एमएस पट्टेर मामले में केंद्र व सभी राज्य सरकारों को इस सम्बंध में विस्तृत दिशा-निर्देश दे रखा है। वहीं राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि आठ जिलों में भिखारियों के पुनर्वास के लिए स्माइल योजना चलायी जा रही है। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवायी के लिए 3 नवंबर की तिथि नियत करते हुए, सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देश के अनुपालन में उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है।