मथुरा में शनिवार को जनपद न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य वादों का त्वरित और आपसी सहमति से निस्तारण करना था। इस लोक अदालत की अध्यक्षता जनपद न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष विकास कुमार ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ जनपद न्यायाधीश ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय आशीष जैन, अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुरेन्द्र प्रसाद, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट उत्सव गौरव राज, बार एसोसिएशन के पदाधिकारी, न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता, बैंक व वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधि तथा वादकारी मौजूद रहे। राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला मुख्यालय, कलेक्ट्रेट और तहसील स्तर पर कुल 3,61,171 वाद निस्तारण के लिए निर्धारित किए गए थे। इनमें से 2,82,280 वादों का सफलतापूर्वक निस्तारण किया गया। जनपद न्यायाधीश विकास कुमार ने 44 सिविल वादों का निस्तारण किया। वहीं, परिवार न्यायालयों ने पारिवारिक और वैवाहिक वादों का आपसी सहमति से समाधान कराया। मोटर दुर्घटना प्रतिकर न्यायाधिकरण (MACT) ने 131 वादों का निस्तारण करते हुए पीड़ित पक्षकारों को 13 करोड़ 29 लाख रुपये से अधिक की प्रतिकर राशि दिलाए जाने के आदेश दिए। फौजदारी न्यायालयों में 37,301 मामलों का निस्तारण किया गया, जिससे 7.62 लाख रुपए का अर्थदंड वसूला गया। चेक बाउंस से संबंधित 60 वादों के निस्तारण से 1.65 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान सुनिश्चित हुआ। इसके अतिरिक्त, बैंक, मोबाइल और वित्तीय कंपनियों के प्री-लिटिगेशन मामलों में 1,293 वादों का निस्तारण कर 6.45 करोड़ रुपए की वसूली की गई। कार्यक्रम के अंत में अपर जिला जज सुरेन्द्र प्रसाद ने सभी उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया।