चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ में छात्रावास मेस टेंडर प्रक्रिया और भोजन की गुणवत्ता को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। छात्र नेता विनीत चपराना ने वित्त अधिकारी को पत्र लिखकर टेंडर प्रक्रिया में सुधार और दोषी ठेकेदारों पर कार्रवाई की मांग की है। उनका आरोप है कि कठोर शर्तों के कारण केवल स्थानीय और पुराने ठेकेदार ही टेंडर में हिस्सा ले पाते हैं, जिससे बाहरी सक्षम फर्मों को मौका नहीं मिलता। चपराना ने बताया कि 2018 में “आमा कैटर्स” द्वारा मांस पकाने की घटना ने विश्वविद्यालय की छवि धूमिल की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। गत सत्र में भी भोजन की खराब गुणवत्ता के खिलाफ छात्रों ने कुलपति आवास पर प्रदर्शन किया, पर ठोस कदम नहीं उठे। मेस में गंदगी और अनियमितताओं का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने और समाचार पत्रों में प्रकाशित होने के बावजूद प्रशासन चुप रहा। छात्र नेता ने सुझाव दिया कि टेंडर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए, बाहरी फर्मों को अवसर दिया जाए और दोषी ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई हो। विश्वविद्यालय प्रशासन की चुप्पी से छात्रों में आक्रोश बढ़ रहा है।