एक्टर आर. माधवन ने हाल ही में अपनी उम्र, करियर के फैसलों और रिश्तों में बराबरी को लेकर खुलकर बात की। माधवन हाल ही में फिल्म 'आप जैसा कोई' में नजर आए थे। इस फिल्म में उन्होंने 40 साल के एक ऐसे शख्स का रोल निभाया जो दुल्हन की तलाश में है। हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में माधवन ने कहा, सबसे पहले आपको उम्र का एहसास तब होता है जब आपके बच्चों के दोस्त आपको अंकल बुलाने लगते हैं। ये सुनकर झटका लगता है, लेकिन फिर आपको मानना पड़ता है। माधवन ने बताया कि इस एहसास का असर उनके काम पर भी पड़ा। उन्होंने कहा, जब आप फिल्में करते हैं तो हीरोइन चुनने में सावधानी रखनी पड़ती है। क्योंकि भले ही वे अभी भी आपके साथ काम करना चाहती है, लेकिन ऐसा लगता है कि एक्टर फिल्म के बहाने मस्ती कर रहा है। लोगों को लगता है कि ये पिक्चर के बहाने ऐश कर रहा है। अगर फिल्म से ऐसा मैसेज जाता है, तो किरदार के लिए रिस्पेक्ट नहीं रहती। आर. माधवन ने आगे ये भी कहा, मुझे ये भी समझ आ गया है कि अब मेरा शरीर 22 साल के लड़के जैसा नहीं है। इसलिए मेरे लिए जरूरी है कि मैं वही काम करूं जो मेरी उम्र और जिन लोगों के साथ मैं काम कर रहा हूं, उनके हिसाब से सही लगे, ताकि चीजें अजीब या गलत न लगें। माधवन ने अपनी शादी और रिश्ते की बराबरी पर भी विचार शेयर किए। उन्होंने कहा कि मेरे माता-पिता भी एक-दूसरे से गहराई से प्यार करते थे। वही चीज मैं और मेरी पत्नी सरिता में भी है, लेकिन मेरे पिता के समय जो बराबरी का मतलब था, वह आज अलग है। अब हमें खुद तय करना पड़ता है कि बराबरी का असली मतलब क्या है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि कभी-कभी दरवाजा खोलना या किसी महिला के लिए दरवाजा पकड़ना कुछ लोगों को बुरा लग सकता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आदमी कुछ गलत करना चाहता है, वो तो बस अपने तौर-तरीके निभा रहा होता है। हमारी पितृसत्तात्मक सोच वाली समाज में, अगर कोई पति अपनी पत्नी को काम करने देता है तो उसे बड़ा दिल वाला माना जाता है, लेकिन सही तरीका ये है कि कहें- ‘मुझे गर्व है कि मेरी पत्नी काम कर रही है।