योग गुरू महेश दास न तो हनुमानगढ़ी से कोई संबंध है। न ही हनुमानगढ़ी की बसंतिया पट्टी से उनका कोई लेना-देना है।वह केवल किराएदार के रूप में यहां रह रहे हैं।अगर उन्होंने हनुमानगढ़ी के संतों-महंतों के खिलाफ फिर से गलत बयानबाजी की तो उनको हनुमानगढ़ी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। यह चेतावनी हनुमानगढ़ी के महंतों ने दी। अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष धर्म सम्राट महंत ज्ञानदास के हनुमानगढ़ी स्थित आश्रम पर महंतों ने कहा कि बसंतिया पट्टी के महंत राम चरण दास पर महेश योगी द्वारा लगाया गया आरोप निराधार है। संकट मोचन सेना के अध्यक्ष महंत संजय दास ने कहा कि महेश दास स्वयं को साकेतवासी महंत संतोष दास का उत्तराधिकारी बताते है जबकि उनका यह दावा पूर्णतया निराधार एवं मिथ्या है। महेश योगी यहां किरायेदार के रूप में रहते थे उन्होंने साकेत वासी संतोष दास से दस हजार रुपए महीने पर रूम किराए पर लिया था। संतोष दास की मौत के बाद उन्हें किराया न देना पड़े इस लिए वे स्वयं को उनका उत्तराधिकारी एवं महामंडलेश्वर बताने लगे। महंत संजय दास ने बताया कि महेश योगी हनुमान गढ़ी की किसी भी पट्टी के ना तो सदस्य है और ना ही उन्हें सीधा आदि ही मिलने का अधिकार है। महंत संजय दास जी महाराज ने बताया कि हनुमान गढ़ी एक प्रसिद्ध सिद्ध पीठ है। महेश दास हनुमान गढ़ी को बदनाम करने तथा यशस्वी महंत राम चरण दास महाराज को अपमानित करने का कार्य कर रहे हैं। यदि उन्होंने पुनः इस तरह की कोई अभद्रता या गलत बयानी की तो उनके विरुद्ध पंचायत,पट्टी कठोर निर्णय लेने पर विवश होगी और उन्हें हनुमान गढ़ी से निष्कासित कर दिया जाएगा। उनके द्वारा जो भी आरोप लगाए गए है उन आरोपों की क्षेत्राधिकारी अयोध्या,और थानाध्यक्ष राम जन्म भूमि विधिवत विवेचना कर रहे हैं इसके उपरांत दूध का दूध ,पानी का पानी अलग हो जाएगा। इस अवसर पर हनुमानगढ़ी की बसंतिया पट्टी के महंत राम चरण दास महाराज,गद्दी नशीन महंत प्रेम दास महाराज के उत्तराधिकारी महंत डॉ महेश दास , अखिल भारतीय निर्वाणी अनी अखाड़ा के महासचिव नंदराम दास ,महंत श्री मनीराम दास ,महंत उपेन्द्र दास और राजेश पहलवान सहित हनुमान गढ़ी के अन्य संत महंत उपस्थित रहे।