कला एवं संस्कृति के संरक्षण और नई पीढ़ी को अपनी विरासत से जोड़ने के उद्देश्य से राज्य संग्रहालय, लखनऊ द्वारा विभिन्न विद्यालयों में अस्थायी प्रदर्शनियों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में गोमती नगर स्थित स्टडी हॉल स्कूल के विद्यार्थियों के लिए दो दिवसीय विशेष प्रदर्शनी आयोजित की गई। इस प्रदर्शनी में संग्रहालय में संग्रहीत महत्वपूर्ण कलाकृतियों के छायाचित्रों के साथ-साथ फाइबर कास्ट मॉडल भी प्रदर्शित किए गए, जिन्हें विद्यार्थियों ने रुचि के साथ देखा और समझा। यह कार्यक्रम 17 दिसंबर को शुरू हुआ। पहले दिन कक्षा 1 से 5 तक के लगभग 700 छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्हें भारतीय संस्कृति, सभ्यता और इतिहास से परिचित कराते हुए संग्रहालयों की भूमिका और उनके महत्व पर विस्तार से जानकारी दी गई। बच्चों को सरल भाषा में समझाया गया कि संग्रहालय किस प्रकार हमारी ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित कर आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाते हैं। 800 छात्र-छात्राओं को व्याख्यान के माध्यम से बताया प्रदर्शनी के दूसरे दिन कक्षा 6 से 12 तक के लगभग 800 छात्र-छात्राओं को व्याख्यान के माध्यम से अवलोकन कराया गया। इसमें नृत्यरत गणेश, राग-रागिनी, अग्निदेव, भगवान विष्णु के दशावतार, महिषासुर मर्दिनी, देवी सरस्वती तथा समुद्र मंथन विषयक लघुचित्रों सहित विभिन्न प्रतिकृतियां शामिल थीं। इन कलाकृतियों के माध्यम से विद्यार्थियों को भारतीय कला परंपरा, धार्मिक मान्यताओं और सांस्कृतिक मूल्यों की गहरी समझ मिली। ये लोग शामिल हुए इस सफल प्रदर्शनी का संपादन संग्रहालय निदेशालय की निदेशक डॉ. सृष्टि धवन एवं राज्य संग्रहालय, लखनऊ के निदेशक डॉ. विनय सिंह के निर्देशन में किया गया। कार्यक्रम प्रभारी अल-शाज फात्मी, सहायक निदेशक थीं। आयोजन को सफल बनाने में शारदा प्रसाद त्रिपाठी, प्रीती साहनी, पूनम देवी, सतपाल, रामू, अनुराग द्विवेदी, पुनीत सहित संग्रहालय के अन्य कर्मचारियों का सराहनीय सहयोग रहा।