गोरखपुर में इस साल पहली बार राप्ती व रोहिन नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राप्ती नदी का जलस्तर शनिवार सुबह खतरे के बिन्दु से 2 सेमी अधिक हो गया। हालांकि नदी के बढ़ने की रफ्तार कम हो चुकी है। इसी तरह शुक्रवार से खतरे का निशान पार कर चुकी रोहिन नदी धीरे-धीरे स्थिर होने लगी है। इन नदियों से बाढ़ का खतरा नजर आ रहा है। निचले क्षेत्र के मार्गों पर पानी भर गया है। प्रशासन की ओर से बाढ़ बचाव की तैयारी पूरी कर ली गई है।
गोरखपुर में राप्ती, रोहिन व सरयू प्रमुख नदियां हैं। तीनों इस समय खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। नेपाल में हुई बारिश का असर मैदानी इलाकों में देखने को मिल रहा है। हालांकि इधर बारिश कम होने से नदियों का जलस्तर बहुत तेजी से नहीं बढ़ा है। प्रशासन की ओर से किसी गांव को अभी तक मैरुंड घोषित नहीं किया गया है। लेकिन नावों को अलर्ट पर रखा गया है। सदर तहसील के उत्तरासोत बांध पर नजर सदर तहसील के उत्तरासोत बांध में कटान होने लगी थी। शुक्रवार से ही इसे बचाने के उपाय किए जा रहे हैं। दावा है कि इसे सुरक्षित कर लिया गया है। गुरुवार को जिलाधिकारी दीपक मीणा ने यहां का दौरा किया था। शुक्रवार को सदर तहसील के एसडीएम दीपक गुप्ता मौका देखने पहुंचे थे। वहां सिंचाई विभाग के अधिकारी भी जमे हैं। डोमिनगढ़ में रेलवे पुल के नीचे मार्ग बंद शहर से सटे डोमिनगढ़ में रेलवे पुल के नीचे से गुजरने वाला रास्ता बंद हो गया है। इसपर रोहिन नदी का पानी चढ़ चुका है। निचले क्षेत्र में होने के कारण जैसे ही नदी खतरे के निशान से ऊपर आती है, यह मार्ग बंद हो जाता है। यहां से गाड़ी लेकर गुजरने की कोशिश करने वालों की गाड़ी बंद हो गई। हालांकि जिले में और कोई मार्ग बंद होने की सूचना नहीं है। गोला क्षेत्र में कोई गांव प्रभावित नहीं गोला क्षेत्र में सरयू नदी खतरे के निशान से कुछ ऊपर बह रही है। लेकिन वहां भी अभी तक कोई गांव प्रभावित नहीं है। सिंचाई विभाग के साथ ही स्थानीय प्रशासन नजर रख रहा है। गगहा व बांसगांव क्षेत्र में भी अभी तक बाढ़ का कोई असर नहीं है। बड़हलगंज क्षेत्र में एक और मकान नदी में विलीन होने के कगार पर बडहलगंज क्षेत्र स्थित ज्ञानकोल गांव का अस्तित्व दूसरी बार समाप्त होने के कगार पर है। बंशी यादव व मोहन यादव के बाद सरयू नदी ने जनार्दन यादव के मकान को भी अपने आगोश में ले लिया। कटान की तेज रफ्तार को देखते हुए 15 घरों वाले ज्ञानकोल गांव के अन्य ग्रामीणों ने भी अपने अपने घरों को खाली करना शुरू कर दिया है। अब जानिए आने वाले दिनों में क्या स्थिति रहेगी राप्ती नदी का जलस्तर गोरखपुर के बर्डघाट में नापा जाता है। यहां शनिवार की सुबह 6 बजे तक 75 मीटर से कुछ अधिक ऊंचाई पर नदी बह रही है। यानी खतरे के निशान से लगभग 2 सेमी अधिक। नदी के बढ़ने की रफ्तार कम हो चुकी है। नदी हर घंटे लगभग 1 मिलीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही है। बलरामपुर, भिंगा में राप्ती नदी का जलस्तर कम होने लगा है। इसलिए अगले 48 घंटे में नदी यहां भी नीचे जाएगी।
रोहिन नदी का जलस्तर खतरे के निशान से लगभग 81 सेमी अधिक है। यहां खतरे का बिन्दु 82.44 मीटर है लेकिन नदी 83.25 मीटर पर बह रही है। शुक्रवार की सुबह 8 से शाम 4 बजे तक यानी 8 घंटे में यह नदी जहां 12 सेमी बढ़ी है वहीं अगले 10 घंटे में मात्र 1 सेमी की बढ़ोत्तरी देखी गई है।
सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से थोड़ा ऊपर है। हालांकि आने वाले दिनों में यह भी कम होने की संभावना जताई जा रही है।