अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद अब राम दरबार की स्थापना भी पूरी हो चुकी है। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि आगामी 10 दिनों में राम दरबार के दर्शन भक्तों के लिए शुरू हो सकते हैं। इस संबंध में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट विचार कर रहा है। नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मंदिर का अधिकांश निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। मंदिर परिसर में जहां पहले रामलला टेंट में विराजमान थे, उस स्थल पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम रिसर्च कर रही है। यह शोध कार्य 500 वर्षों के संघर्ष की ऐतिहासिकता को उजागर करेगा। राम दरबार दर्शन की व्यवस्था पर सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI) चर्चा कर रहा है। वहीं मंदिर परिसर के उत्तर दिशा में बने द्वार का निर्माण भी एक माह में पूरा कर लिया जाएगा, जिसे 15 अगस्त तक पूर्ण रूप से समर्पित कर दिया जाएगा। नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मंदिर के प्रत्येक तल पर अलग-अलग कार्य होंगे। भूतल पर रामलला विराजमान हैं, प्रथम तल पर भगवान राम का पूरा परिवार स्थापित होगा, जबकि द्वितीय तल पर दुर्लभ राम से संबंधित ग्रंथों का संग्रह किया जाएगा। सप्तऋषि क्षेत्र में बने पुष्करणी कुंड का कार्य भी अंतिम चरण में है। पंचवटी क्षेत्र में पर्यावरण संतुलन को ध्यान में रखते हुए पौधारोपण किया जा रहा है ताकि पक्षियों और पशुओं को प्राकृतिक जल स्रोत से लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य में सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट, रेल मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय जैसे संस्थानों ने सहयोग दिया है। मंदिर की सुरक्षा के लिए रक्षा मंत्रालय की ओर से टाइटेनियम जाली भी लगाई जा रही है। सभी विभागों को राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा भुगतान किया गया है।