राम मंदिर सुरक्षा व्यवस्था की नई रूपरेखा तैयार:भीड़ प्रबंधन और दर्शन प्रणाली पर होगा बड़ा फैसला

Sep 2, 2025 - 09:00
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राम मंदिर सुरक्षा व्यवस्था की नई रूपरेखा तैयार:भीड़ प्रबंधन और दर्शन प्रणाली पर होगा बड़ा फैसला
श्री राम जन्मभूमि और राम मंदिर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने की कवायद शुरू हो गई है। सोमवार को जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे और एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर प्रशासनिक अमले के साथ निरीक्षण करने पहुंचे। हालांकि कार्यक्रम सुबह निर्धारित था, लेकिन व्यस्तता के चलते इसे दोपहर में आयोजित किया गया। इस दौरान तेज बारिश से जगह-जगह हुए जलभराव की स्थिति भी सामने आई। अफसरों ने मौके पर सुरक्षा बल प्रभारी एसपी बलरामाचारी दुबे से फीडबैक लिया और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों संग चर्चा की। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपतराय और मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव मौजूद समय में अयोध्या में नहीं है, तीन सितंबर को वे वापस रामनगरी पहुंचेंगे। उनके आने पर सुरक्षा खाके पर विस्तृत मंथन होगा। फिलहाल ट्रस्ट के न्यासी डॉ. अनिल मिश्र ने सामूहिक सलाह लेने का सुझाव दिया और कहा कि सुरक्षा जैसे संवेदनशील विषय पर ट्रस्ट हर स्तर पर प्रशासन का सहयोग करेगा। उन्होंने साफ कहा कि सुरक्षा में किसी भी प्रकार का समझौता संभव नहीं है और सभी मानकों का कड़ाई से पालन होगा। डॉ. मिश्र ने माना कि भविष्य में जब सप्त मंडपम, शेषावतार मंदिर, कुबेर टीला और परकोटे के अन्य मंदिरों में दर्शन की अनुमति होगी, तो परिसर के अंदर भीड़ का दबाव काफी बढ़ जाएगा। ऐसे में आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव स्वाभाविक होंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि दर्शनार्थियों के लिए पास व्यवस्था और दो-दो घंटे के स्लॉट में एंट्री सिस्टम लागू करने पर विचार होना चाहिए। इससे श्रद्धालु तय समय में सभी मंदिरों का दर्शन कर सकेंगे और वापसी भी सहज हो पाएगी। आरती के दौरान रामलला का तिलक ढीला हुआ इसी बीच सोमवार को श्रृंगार आरती के दौरान एक अनोखी स्थिति बनी। प्राण-प्रतिष्ठा के समय रामलला के ललाट पर हीरे-जवाहरात और माणिक्य से निर्मित तिलक लगाया गया था, जिसे पुजारी रोजाना सुबह श्रृंगार के समय पुनः स्थापित करते हैं। सोमवार को आरती के दौरान मोम हल्का पड़ने से तिलक ढीला होकर नीचे लटक गया। हालांकि पुजारियों ने तुरंत उसे ठीक कर दिया। चूंकि इस आरती का लाइव प्रसारण दूरदर्शन पर होता है, इसलिए भक्तों ने भी इस दृश्य को देखा। अधिकारियों का मानना है कि सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को लेकर जो रूपरेखा तैयार की जाएगी, उससे आने वाले समय में अयोध्या दर्शन के अनुभव को और सुरक्षित तथा व्यवस्थित बनाया जा सकेगा।

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