रामपुर में एक युवक ने अपनी गर्भवती पत्नी को तीन दिन पहले घर से निकाल दिया था। पत्नी अस्पताल में भर्ती रही और वहीं उसने एक बच्चे को जन्म दिया, लेकिन इलाज के दौरान नवजात की मौत हो गई। इस दौरान पति न तो अस्पताल गया और न ही पत्नी का हाल जानने पहुंचा। पीड़िता ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है। मामला थाना पटवाई क्षेत्र के ग्राम निसवा का है। गांव की रहने वाली गुड्डी नामक युवती का प्रेम-प्रसंग थाना भोट क्षेत्र के ग्राम रम्पुरा निवासी एक युवक से चल रहा था। जब इस बात की जानकारी युवती के परिवार वालों को हुई, तो उन्होंने युवक से शादी करने को कहा। लेकिन युवक ने इनकार कर दिया। मंदिर में की थी हिंदू रीति-रिवाज से शादी परिजनों ने इसके बाद थाना भोट पुलिस में तहरीर दी। पुलिस ने युवक को हिरासत में लिया। जिसके बाद उसने शादी के लिए हामी भर दी। दोनों की शादी थाना सिविल लाइंस क्षेत्र के पंजाब नगर शिव मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से कराई गई। शादी का वीडियो सामने आया है। गर्भवती पत्नी के पेट पर लात मारा कुछ समय तक सबकुछ ठीक रहा, लेकिन बाद में पति ने पत्नी के साथ मारपीट शुरू कर दी। गुड्डी सात महीने की गर्भवती थी। बीती 10 अक्टूबर की रात दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ, जिसके बाद पति ने गर्भवती पत्नी के पेट पर लात मार दी। गंभीर हालत में परिजनों ने गुड्डी को ग्राम धमोरा (थाना शहजाद नगर क्षेत्र) के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के दौरान गुड्डी ने नवजात शिशु को जन्म दिया। बच्चे की हालत नाजुक थी, इसलिए डॉक्टरों ने उसे नवयुग हॉस्पिटल, रामपुर में मशीन (इनक्यूबेटर) में रखा। हालांकि इलाज के दौरान नवजात की मौत हो गई। पति ने धमकी दी, तुम लोगों ने ही बच्चे को मारा पीड़िता के परिजनों के मुताबिक, उन्होंने बच्चे की मौत की सूचना पिता (गुड्डी के पति) को दी। लेकिन उसने यह कहते हुए आने से इनकार कर दिया कि “यह बच्चा मेरा नहीं है। परिजनों का आरोप है कि पति ने धमकी दी कि तुम लोगों ने ही बच्चे को मारा है, अब मैं तुम्हें ही फंसवा दूंगा। पुलिस ने बच्चे के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।