2007 में रामपुर के सीआरपीएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले के दोषी जंग बहादुर खान उर्फ बाबा को सोमवार शाम बरेली सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया। जेल से बाहर आते ही वह अपने परिजनों के साथ घर के लिए रवाना हो गया। वहीं उसके साथ ही सजा काट रहे अभियुक्त मुहम्मद शरीफ की रिहाई जुर्माना जमा न होने के कारण फिलहाल रोक दी गई है। जुर्माने की 20 हजार रुपये की राशि जमा होने के बाद उसे भी छोड़ा जाएगा। 2007 में हुआ था हमला, 7 जवान शहीद हुए थे 26 दिसंबर 2007 को रामपुर स्थित सीआरपीएफ कैंप पर आतंकियों ने फायरिंग और ग्रेनेड से हमला किया था। हमले में 7 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे, जबकि गेट के पास खड़ा एक रिक्शा चालक भी मारा गया था।हमले में 5 लोग घायल हुए थे। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ली थी। अदालत ने 2019 में सुनाई थी सजाएं 2019 में रामपुर के अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने मामले में फैसला सुनाया था- आरोपी फैसला मुख्य साजिशकर्ता लश्कर आतंकी सैफुल्लाह 18 मई को पाकिस्तान में मारा जा चुका है। हाई कोर्ट ने पलटा फैसला 29 अक्टूबर 2024 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलट दिया।मौत और उम्रकैद की सजा रद्द कर दी गई। हालांकि शस्त्र अधिनियम की धारा 25 में 10 साल की कैद और 1 लाख रुपये जुर्माना बरकरार रखा गया। शस्ति समायोजन के आधार पर अब दोषियों को रिहा किया जाना था। जेल से रिहाई आदेश ईमेल से पहुंचा शनिवार को सेंट्रल जेल को ई-मेल से रिहाई आदेश मिला था। सोमवार शाम जंग बहादुर को जेल से बाहर कर दिया गया। जेलर नीरज कुमार ने बताया- “मुहम्मद शरीफ की रिहाई जुर्माना जमा होने के बाद ही की जाएगी। प्रक्रिया जारी है।”