बरेली के लक्ष्मीबाई केलखर हॉस्टल में बुधवार रात दीपावली उत्सव का माहौल देखते ही बन रहा था। पूरा हॉस्टल दीयों की रौशनी, रंग-बिरंगी लाइटों और फूलों से निखर उठा। हर कोना मानो खुशियों से झिलमिला रहा था। दीप प्रज्वलन और पूजा से हुई शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत विधिवत मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना से हुई। वार्डन डॉ. मीनाक्षी द्विवेदी ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान छात्राओं ने आरती गाकर वातावरण को भक्ति और उल्लास से भर दिया। रंगोली और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बढ़ाया रंग
दीपावली की शाम को और खास बनाया रंगोली प्रतियोगिता, दीप सजावट और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने। छात्राओं ने पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य, गीत और कविताओं की शानदार प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में तान्या, स्नेहा, सर्गम, मानसी, गरिमा, रविकर, निशा प्रिया, सुहानी, प्रेणा, सुरुचि, गुरप्रीत, वंदना, ललिता, मनीषा, मनुप्रिया, कनिका, प्रियांशी, गौरवी, संध्या, पूनम, हरलीन और वैष्णवी ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। दीपों की जगमगाहट में छाई खुशियों की रौनक
समारोह के अंत में छात्राओं ने मिलकर पटाखे फोड़े और मिठाइयां बांटीं। सबने एक-दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं दीं। हंसी-खुशी और रौशनी के बीच समूह फोटोग्राफी के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। वार्डन बोलीं- मिल-जुलकर त्योहार मनाना ही सच्ची सीख
वार्डन डॉ. मीनाक्षी द्विवेदी ने कहा, “दीपावली सिर्फ रोशनी का नहीं, बल्कि एकता और प्रेम का त्योहार है। छात्राओं ने मिलकर इसे यादगार बना दिया।” दीयों की रौशनी और मुस्कानों की चमक से सजा लक्ष्मीबाई केलखर हॉस्टल, दीपावली की यह शाम हर किसी के दिल में बस गई।