लखनऊ के इटौंजा में 134 वर्ष पुराना ऐतिहासिक दशहरा मेला सोमवार रात संपन्न हो गया। इस दौरान भगवान राम ने रावण का वध कर धर्म पर अधर्म की विजय स्थापित की। रावण के धराशाई होते ही रत्नेश्वर महादेव रामलीला मैदान 'जय श्री राम' के नारों से गूंज उठा। इस प्राचीन मेले की शुरुआत अश्विनी माह की पंचमी को रत्नेश्वर महादेव रामलीला मैदान से शिव बारात के साथ हुई थी। यह शरद पूर्णिमा से ठीक एक दिन पहले रावण वध के साथ समाप्त हुआ। लगभग 15 दिनों तक चलने वाला यह दशहरा मेला जिले के सबसे बड़े आयोजनों में से एक है। मेले में दूर-दराज से दुकानदार अपनी दुकानें लगाते हैं, और आस-पास के जिलों से दर्शक इसका आनंद लेने आते हैं। इस अवसर पर बीकेटी विधानसभा क्षेत्र के विधायक योगेश शुक्ला भी मौजूद रहे। इस मेले की एक अनूठी विशेषता इसकी गंगा-जमुनी तहजीब है। रत्नेश्वर मेला समिति के संरक्षक कुंवर बीरेंद्र सिंह परमार ने बताया कि इस प्राचीन आयोजन में मुस्लिम समुदाय के लोग भी सक्रिय रूप से भाग लेते हैं और सहयोग करते हैं। रावण वध की रात, मुस्लिम समुदाय द्वारा की जाने वाली आतिशबाजी मेले में आने वाले आगंतुकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होती है। इटौंजा राजपरिवार के सदस्य भी मेले की परंपरा को आगे बढ़ाने में सक्रिय सहयोग करते हैं। इस ऐतिहासिक रामलीला का समापन इस संदेश के साथ हुआ कि बुराई का अंत निश्चित है।