लखनऊ एयरपोर्ट पर चार उड़ानें रद्द, छह लेट:तकनीकी दिक्कतों और विजिबिलिटी घटने से संचालन चरमराया

Nov 29, 2025 - 06:00
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लखनऊ एयरपोर्ट पर चार उड़ानें रद्द, छह लेट:तकनीकी दिक्कतों और विजिबिलिटी घटने से संचालन चरमराया
लखनऊ में कोहरा और तकनीकी बाधाएं लगातार हवाई यातायात को प्रभावित कर रही हैं। शुक्रवार को अमौसी स्थित चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर चार उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जबकि छह उड़ानें विभिन्न समय तक देरी से चलीं। यह स्थिति तब है जब एयरपोर्ट कैट थ्री बी जैसे अत्याधुनिक लैंडिंग सिस्टम से लैस है, जो जीरो विजिबिलिटी में भी लैंडिंग कराने में सक्षम है। दो हफ्तों से बिगड़ा शेड्यूल, यात्री परेशान लगातार दूसरे सप्ताह भी उड़ानों का निरस्तीकरण और लेटलतीफी जारी है। शुक्रवार को लखनऊ से मुंबई जाने वाली इंडिगो की उड़ान 6ई 2441, कोलकाता की 6ई 595, कोलकाता से लखनऊ आने वाली 6ई 6139 और मुंबई से आने वाली उड़ान 6ई 2442 को रद्द कर दिया गया। वहीं देरी वाली उड़ानों में लखनऊ–दिल्ली 6ई 6615 करीब 35 मिनट, लखनऊ–जयपुर 6ई 7027 पचास मिनट और आबूधाबी की उड़ान 6ई 1415 लगभग पौन घंटा लेट रही। दिल्ली–लखनऊ की 6ई 6614 आधा घंटा, इंदौर से आने वाली 6ई 7422 एक घंटा पंद्रह मिनट और रियाद से आने वाली आईएक्स 190 भी पौन घंटा देरी से पहुंची। कैट थ्री बी सिस्टम होने के बावजूद उड़ानें क्यों प्रभावित? लखनऊ एयरपोर्ट कैट थ्री बी सिस्टम से सुसज्जित है, जो बेहद कम विजिबिलिटी में भी सुरक्षित लैंडिंग की सुविधा देता है। दिल्ली के बाद यह सुविधा लखनऊ में उपलब्ध है। इसके बावजूद उड़ान संचालन प्रभावित होने की मुख्य वजह आसपास के एयरपोर्टों पर इस सिस्टम का न होना और कई पायलटों का कैट थ्री बी प्रशिक्षण न लेना बताया जा रहा है। पायलटों की कमी और विजिबिलिटी अनुभव बड़ी चुनौती खाड़ी देशों सहित कई अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ान भरने वाले पायलटों के पास कम विजिबिलिटी में उड़ान संचालन का पर्याप्त अनुभव नहीं होता। कैट थ्री बी के लिए विशेष प्रशिक्षण अनिवार्य है, जो सभी के पास उपलब्ध नहीं है। इससे कोहरे के दौरान उड़ानों की लैंडिंग-टेकऑफ में दिक्कतें बढ़ जाती हैं और एयरलाइंस को रद्द करने या देरी का सहारा लेना पड़ता है।

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