लखनऊ के ऑल इंडिया कैफ़ी आज़मी अकादमी में नृत्य समूह 'त्रिलय' ने दास्तान-ए-कथक की शानदार प्रस्तुति दी। गौरी शर्मा, प्रीति तिवारी और सिमरन कश्यप ने कथक के लखनऊ घराने की परंपरा को नृत्य, वादन और गायन के माध्यम से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की शुरुआत अभिषेक सिंह और मिनी दीक्षित द्वारा दास्तानगोई से हुई। सलमान खयाल द्वारा लिखित और निर्देशित इस प्रस्तुति में नवाबी दौर से वर्तमान तक कथक की यात्रा को दर्शाया गया। कलाकारों ने कजरी और ठुमरी जैसे पारंपरिक गीतों की प्रस्तुति दी। रूबाई, विलंबित लय और तराना ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की तस्वीरें देखिए... लखनऊ की सांस्कृतिक पहचान बताते हुए इसकी प्रशंसा की तबला वादक विकास मिश्रा, गीतकार प्रखर पांडे और सारंगी वादक जीशान अब्बास ने संगीत से समां बांधा। कार्यक्रम की विशेषता 150 मीटर लंबा कैनवास था, जिस पर लखनऊ यूनिवर्सिटी और गोयल कॉलेज के छात्रों ने नवाबी इमारतों को चित्रित किया।डॉ. अनिल रस्तोगी, कथक गुरु डॉ. आकांक्षा श्रीवास्तव और हेल्पिंग हार्ट्स फाउंडेशन की संस्थापक ज्योति सिंहा समारोह में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। 90 मिनट के इस कार्यक्रम में त्रिलय ने विचार, भाव और गति का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया।दर्शकों ने कार्यक्रम को लखनऊ की सांस्कृतिक पहचान बताते हुए इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की। यह प्रस्तुति लखनऊ की गंगा-जमुनी तहजीब का जीवंत उदाहरण बनकर सामने आई।