लखनऊ में हत्या और जानलेवा हमलों जैसे गंभीर अपराधों को लेकर अब कोई नरमी नहीं बरती जा रही है। लखनऊ पुलिस द्वारा संचालित ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ ने नवम्बर माह में 7 मुकदमों में 10 दोषियों को सजा हुई है। दो को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। पुलिस की प्रभावी पैरवी के चलते न्यायालयों ने हत्या, दोषपूर्ण मानव वध और उनके प्रयास जैसे मामलों में दोषियों को कठोर सजा सुनाई है, जिससे अपराधियों में साफ तौर पर भय और आमजन में विश्वास बढ़ा है। नवंबर में 7 मामलों में 10 दोषियों को सजा, 2 को उम्रकैद ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत नवंबर 2025 में लखनऊ पुलिस ने कुल सात अभियोगों में प्रभावी और सशक्त पैरवी की। इन मामलों में न्यायालयों द्वारा कुल दस दोषियों को सजा सुनाई गई, जिनमें दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास की कठोर सजा दी गई। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह परिणाम लंबी, सतत और तथ्यात्मक पैरवी का नतीजा है, जिसमें हर केस में अपराध की मंशा, कृत्य की गंभीरता और उसके सामाजिक प्रभाव को मजबूती से अदालत के समक्ष रखा गया। हत्या और प्रयास के मामलों में अदालतों ने दिखाई सख्ती इन मामलों में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 304 (दोषपूर्ण मानव वध), 307 (हत्या का प्रयास) और 308 (दोषपूर्ण मानव वध का प्रयास) के अंतर्गत दर्ज अपराध शामिल थे। न्यायालयों ने प्रत्येक मामले में यह स्पष्ट किया कि जान लेने या जान लेने के प्रयास जैसे अपराध समाज के लिए गंभीर खतरा हैं और ऐसे अपराधियों के प्रति कठोर दृष्टिकोण अपनाया जाना आवश्यक है। इसी आधार पर सजा तय करते हुए कई मामलों में लंबी कैद और भारी अर्थदंड लगाया गया। विकासनगर से बंथरा तक सजा का दायरा विकासनगर थाना क्षेत्र के एक मामले में अभियुक्त को हत्या के प्रयास का दोषी मानते हुए सात वर्ष का कठोर कारावास और अर्थदंड दिया गया। काकोरी और बीकेटी क्षेत्र के मामलों में भी अदालत ने आठ से दस वर्ष तक की सजा सुनाकर यह स्पष्ट कर दिया कि ऐसे अपराधों में समझौते या सहानुभूति की कोई गुंजाइश नहीं है। नगराम के एक पुराने मामले में अभियुक्तों को जेल में बिताई गई अवधि की सजा और अर्थदंड दिया गया। गोसाईगंज और कृष्णानगर में उम्रकैद का संदेश गोसाईगंज थाना क्षेत्र के दो अलग-अलग मामलों में हत्या और दोषपूर्ण मानव वध से जुड़े अपराधों में अदालत ने सख्त रुख अपनाया। एक मामले में महिला अभियुक्त को आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा दी गई, जबकि दूसरे में तीन अभियुक्तों को छह वर्ष की कैद के साथ जुर्माना लगाया गया। कृष्णानगर क्षेत्र के एक जघन्य हत्याकांड में अदालत ने अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए स्पष्ट किया कि पूर्व नियोजित और क्रूर अपराधों में कानून पूरी सख्ती से लागू होगा।