लखनऊ विनीत खंड-दो में आयोजित पाँच दिवसीय पावन प्रज्ञा पुराण कथा, गायत्री महायज्ञ एवं दीप महायज्ञ का समापन हो गया। यह आयोजन अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज हरिद्वार की ओर से शताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन गायत्री महिला मंडल, गोमती नगर द्वारा किया गया, जिसमें लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। पाँच दिनों तक चले इस आध्यात्मिक आयोजन में प्रज्ञा पुराण कथा का सस्वर व भावपूर्ण वाचन डॉ. प्रणव शुक्ला एवं उनकी टोली द्वारा किया गया। कथा के दौरान मानव जीवन में सदाचार, संयम, आत्मबल, राष्ट्र निर्माण और युग परिवर्तन के संदेश दिए गए। कथा स्थल पर प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति रही और वातावरण मंत्रोच्चार, भजन व दीप प्रज्वलन से आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया। पाँच दिवसीय आयोजन में हजार लोगों ने हिस्सा लिया कार्यक्रम के संयोजन और व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी मिथिलेश श्रीवास्तव की टोली ने संभाली। उनके नेतृत्व में समस्त स्वयंसेवकों ने सेवा, अनुशासन और समर्पण के साथ कार्यक्रम को सफल बनाया। आयोजकों के अनुसार, इस पाँच दिवसीय आयोजन में लगभग एक हजार भाई-बहनों ने सहभागिता कर ज्ञान, साधना और संस्कार की गंगा में डुबकी लगाई। गायत्री महायज्ञ एवं दीप महायज्ञ के माध्यम से पर्यावरण शुद्धि, मानसिक शांति और सामाजिक समरसता का संदेश दिया गया। यज्ञ में आहुतियाँ देकर उपस्थित श्रद्धालुओं ने नशामुक्ति, सदाचार, स्वच्छ समाज और राष्ट्र सेवा के लिए संकल्प लिया। प्रज्ञा पुराण कथा जीवन में सकारात्मक परिवर्तन कार्यक्रम में गोमती नगर क्षेत्र की गीता सिंह, माधुरी पांडे, गीता मिश्रा, कमला यादव, वरिष्ठ गायत्री साधक सुधाकर सिंह, एस.के. अग्रवाल, राजेंद्र यादव, दिनेश यादव (प्रभारी, गोमती नगर) सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।इस अवसर पर गीता सिंह ने कहा कि प्रज्ञा पुराण कथा से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है और समाज में नैतिक मूल्यों की स्थापना होती है। वहीं माधुरी पांडे ने कहा कि गायत्री यज्ञ और दीप महायज्ञ से परिवार, समाज और राष्ट्र में शांति व सद्भाव का वातावरण बनता है।