लखनऊ में एक युवक की ज़िंदगी उस वक्त अचानक बदल गई जब उसकी शादी के दिन सैकड़ों मेहमानों के सामने तिलक की रस्म रुकवा दी गई, और कुछ ही दिनों बाद उसकी नवविवाहिता पत्नी को बंदूक की नोक पर उसके घर से उठा लिया गया। युवक आज तक अपनी पत्नी को तलाश रहा है। जब इसकी रिपोर्ट चिनहट थाने में नहीं दर्ज हुई तो पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली। जहां से आदेश मिलने के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है। दोनों परिवारों की सहमति से तय हुई थी शादी लखनऊ निवासी ऋषिकेश पांडे पुत्र राघव राम पांडे की शादी बाराबंकी निवासी मुस्कान तिवारी से तय हुई थी। 25 नवंबर 2024 को तिलक और 9 दिसंबर को विवाह की तारीख तय थी। दोनों परिवारों ने सहमति जताई थी और शादी के कार्ड भी छपवाए गए थे। ऋषिकेश और मुस्कान पहले से एक-दूसरे को जानते थे और आपसी प्रेम के चलते परिवारों ने रिश्ता पक्का कर दिया था। आया फोन, कहा- तुम्हारी बेइज्जती करनी थी, कर दी तिलक के दिन जब ऋषिकेश के घर मेहमानों की भीड़ थी, तभी मुस्कान के जीजा सूरज तिवारी का फोन आया। उन्होंने दो टूक कह दिया। अब ये शादी नहीं होगी। तुम्हारी बेइज्जती करनी थी, कर दी। पूछने पर जवाब मिला कि कार्ड तो सिर्फ बेवकूफ बनाने के लिए छपवाए थे। एक दिन बाद मुस्कान से मिलने गया युवक ऋषिकेश अगले दिन जब मुस्कान से मिलने उसके घर गया, तो उसने देखा कि मुस्कान को उसके पिता अशोक तिवारी, मां सरिता तिवारी और जीजा सूरज तिवारी ने कमरे में बंद कर बेरहमी से पीटा था। समझाने की हर कोशिश बेकार रही और युवक को खाली हाथ लौटना पड़ा। 29 दिसंबर को मुस्कान भागकर पहुंची ऋषिकेश के पास 29 दिसंबर को मुस्कान अपने घर से भागकर ऋषिकेश के पास पहुंची। रोते हुए उसने बताया कि उसे कई दिनों से कमरे में बंद कर पीटा जा रहा था। उसकी जान को खतरा था। मुस्कान की हालत और डर देखकर ऋषिकेश ने 30 दिसंबर को आर्य समाज मंदिर में उससे विवाह किया और उसी दिन विवाह का रजिस्ट्रेशन भी कराया। लेकिन उसी शाम बंदूकधारियों ने उठा ली पत्नी उसी शाम जब ऋषिकेश कुछ सामान लेने बाहर गया, तो मुस्कान के पिता, जीजा और 10-12 अज्ञात लोग असलहों के साथ घर पर आ धमके। बंदूक की नोक पर वे मुस्कान को जबरन उठाकर ले गए। तब से अब तक उसका कुछ पता नहीं चला। थाने में दी तहरीर, पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ ‘जांच जारी’ ऋषिकेश ने उसी रात चिनहट कोतवाली में तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने सिर्फ जांच का हवाला देकर टाल दिया। हर बार यही कहा गया कि अगले हफ्ते आइए। तीन महीने बीत गए, लेकिन न रिपोर्ट दर्ज हुई, न कोई कार्रवाई। पुलिस आयुक्त को भेजा पत्र, आज तक नहीं मिली सुनवाई थक-हारकर युवक ने 21 अप्रैल को पुलिस आयुक्त को रजिस्टर्ड डाक से शिकायत भेजी। लेकिन आज तक न कोई जवाब मिला, न कोई कार्रवाई हुई। जिसके बाद ऋषिकेश ने कोर्ट में गुहार लगाई। कोर्ट के आदेश पर चिनहट थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है।