तिब्बती धर्मगुरु 14वें दलाईलामा मंगलवार को छह हफ्ते के लद्दाख प्रवास और पांच दिन के दिल्ली प्रवास के बाद धर्मशाला स्थित अपने स्थायी निवास पर लौट आए। एयरपोर्ट पर तिब्बती समुदाय ने उनका भव्य स्वागत किया। स्वागत समारोह में कैलोन ग्यारी डोल्मा, सेटलमेंट ऑफिसर कुंचोक मिगमार समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे। शुगसेब ननरी की भिक्षुणियां, नेचुंग मठ के भिक्षु और तिब्बती संस्थाओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। लद्दाख प्रवास के दौरान दलाईलामा ने लेह और जांस्कर में प्रवचन दिए। इन प्रवचनों में 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने भाग लिया। उन्होंने 20 हजार से ज्यादा लोगों से व्यक्तिगत मुलाकात भी की। दलाईलामा ने लद्दाख की जनता को लेटर लिखकर उनकी आत्मीयता और गर्मजोशी के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने लद्दाख की आर्थिक और शैक्षिक प्रगति की सराहना की। साथ ही लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल, लेह का विशेष आभार व्यक्त किया। काउंसिल ने तिब्बती शरणार्थियों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। दलाईलामा ने अपने संदेश में कहा कि लद्दाख के लोगों की आस्था और अध्यात्मिक जुड़ाव उन्हें प्रेरित करता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि लद्दाख भविष्य में भी शांति, शिक्षा और विकास के पथ पर अग्रसर रहेगा।