बहराइच में स्वास्थ्य विभाग ने एक अनूठी पहल शुरू की है। 1 से 7 जुलाई 2025 तक संस्थागत प्रसव कराने वाली हर मां को नवजात के साथ एक फलदार पौधा और 'ग्रीन गोल्ड' सर्टिफिकेट दिया जाएगा। सीएमओ डॉ. संजय शर्मा के अनुसार, यह पहल स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण को जोड़ती है। पौधे की देखभाल मां को बच्चे के टीकाकरण की याद दिलाएगी। बच्चे के साथ-साथ पौधा भी बड़ा होगा। डीएचईआईओ बृजेश सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और वन विभाग ने मिलकर सभी प्रसव केंद्रों में स्थानीय और फलदार पौधों का स्टॉक तैयार किया है। प्रसव के बाद मां को छुट्टी से पहले पौधा दिया जाएगा। अभियान का शुभारंभ
प्रभागीय वन अधिकारी अजीत सिंह का मानना है कि मां से बेहतर संरक्षक कोई नहीं हो सकता। स्थानीय और टिकाऊ प्रजातियों के पौधों का चयन किया गया है, जिससे उनके जीवित रहने और फलने की संभावना अधिक है। सीएचसी पयागपुर में अधीक्षक डॉ. धीरेंद्र तिवारी ने छह प्रसूताओं को फलदार पौधे देकर अभियान का शुभारंभ किया। बीपीएम अनुपम शुक्ल के मुताबिक, प्रतिदिन प्रसव संख्या के हिसाब से पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।