चंदौली के सकलडीहा क्षेत्र में कड़ाके की ठंड, घने कोहरे और गलन से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। बुधवार सुबह पूरा क्षेत्र कोहरे की चादर में लिपटा रहा, जिससे दृश्यता 5 मीटर से भी कम हो गई। शीतलहर और गलन का प्रकोप जारी है, जबकि आसमान में बादल छाए हुए हैं। रात की ओस से सड़कें पूरी तरह भीगी हुई थीं। लोग ठंड से बचने के लिए विभिन्न उपाय कर रहे हैं और जगह-जगह अलाव का सहारा ले रहे हैं। ठंड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए, कक्षा 8 तक के सभी विद्यालय 15 जनवरी तक बंद कर दिए गए हैं। क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 339 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस रहा। सकलडीहा स्टेशन से होकर गुजरने वाली ट्रेनें अभी भी काफी देरी से चल रही हैं। सकलडीहा, तुलसी आश्रम और कुछमन रेलवे स्टेशनों पर अलाव की व्यवस्था न होने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़कों पर वाहन भी धीमी गति से चलते दिखे, और ठंड के कारण सड़कें सूनी रहीं। किसानों का कहना है कि घना कोहरा आलू, सरसों और अरहर जैसी फसलों में रोग पैदा कर रहा है। कृषि विभाग के अनुसार, यह कोहरा दलहनी, तिलहनी और सब्जियों की फसलों के लिए हानिकारक है, और किसानों को इससे बचाव के लिए दवाइयों का प्रयोग करना चाहिए। हालांकि, गेहूं की फसल के लिए यह कोहरा फायदेमंद बताया गया है। एसडीएम कुंदन राज कपूर और तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव ने ठंड से बचाव के लिए लेखपालों को अलाव जलाने और कंबल वितरण के निर्देश दिए हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि कहीं भी कमी पाए जाने पर संबंधित लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम कुंदन राज कपूर लगातार रैन बसेरा और पशु आश्रय केंद्रों का निरीक्षण कर रहे हैं और ठंड से बचाव के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं। सकलडीहा कस्बा के टिमिलपुर ग्राम पंचायत भवन में बने रैन बसेरा में निराश्रित लोगों से रुकने की अपील की गई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. बीके प्रसाद ने ठंड में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है, खासकर विभिन्न रोगों से पीड़ित लोगों को। उन्होंने कहा कि समय पर दवाइयां लेते रहें, जरूरत न हो तो कोहरे में घर से बाहर न निकलें, हल्का गुनगुना पानी पिएं और गर्म कपड़े पहनें। किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य परेशानी होने पर तुरंत सीएचसी पर चिकित्सक को दिखाएं।