जौनपुर के मुंगराबादशाहपुर थाना क्षेत्र में हुए दोहरे हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। बीते 13 सितंबर की शाम दो सगे भाइयों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक आरोपी मृतक शाहजहां का सगा साला भी है। हत्या का कारण व्यावसायिक लेन-देन का विवाद बताया जा रहा है। मुंगराबादशाहपुर थाना प्रभारी निरीक्षक के.के. सिंह ने बताया कि 13 सितंबर 2025 को शाम करीब साढ़े आठ बजे मझगवां चंदौकी गांव निवासी 60 वर्षीय शाहजहां और उनके छोटे भाई 50 वर्षीय जहांगीर की रामनगर गांव के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दोनों भाई अपने एक रिश्तेदार को शादी का कार्ड देकर घर लौट रहे थे। इस संबंध में मृतक शाहजहां के बेटे आफताब आलम की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपराध संख्या 227/2025 के तहत बीएनएस की धारा 103(1) में मामला दर्ज किया था। पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ के निर्देश पर एसपीआरए आतिश कुमार और क्षेत्राधिकारी प्रतिमा वर्मा के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम गठित की गई। मुखबिर की सूचना पर 21 सितंबर की सुबह करीब साढ़े पांच बजे तरहठी मोड़ के पास से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपियों में टुन्ने उर्फ मोहम्मद कलीम (निवासी कुमरडुबी सिल्लीबाड़ी, धनबाद), इन्तखाब उल मुख्तार (निवासी विसरेखी, सोनभद्र), सच्चे उर्फ मुअज्जम (निवासी रामनगर, जौनपुर) हैं। पुलिस ने उनके पास से दो मोबाइल फोन और 740 रुपये नकद बरामद किए हैं। बदला लेने के लिए रची साजिश
मुख्य आरोपी टुन्ने उर्फ मोहम्मद कलीम ने पूछताछ में अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उसने बताया कि मृतक शाहजहां और जहांगीर ने उसके व्यवसाय से जुड़ा पैसा हड़प लिया था। जब उसने पैसे वापस मांगे, तो उन्होंने उसके घर में घुसकर तोड़फोड़ की, उसकी मां से मारपीट की और उसे अपमानित किया। इसी अपमान का बदला लेने के लिए उसने हत्या की साजिश रची। बता दें कि टुन्ने, मृतक शाहजहां का सगा साला है। वहीं, आरोपी इन्तखाब उल मुख्तार ने बताया कि जिला कारागार जौनपुर में बंद कैदी सोनू उर्फ सिराज उसके मामा हैं। मामा सोनू जेल से ही इन्तखाब के नाम पर मोबाइल नंबर चला रहे थे और रंगदारी के पैसे इन्तखाब के खाते में भिजवाते थे। इन्तखाब जेल के बाहर से उनके सारे काम देखता था। उसने बताया कि इस हत्या की साजिश 26 अप्रैल 2025 को जिला जेल जौनपुर में रची गई थी। उस दिन वह भी जेल में मौजूद था। यह हत्या उसके मामा ने भाड़े के शूटरों से करवाई थी। मामा पहले आसनसोल में इन्हीं लोगों के साथ काम करते थे। तीसरे आरोपी सच्चे उर्फ मुअज्जम ने बताया कि उसका दोस्त शहजाद, मृतक जहांगीर और शाहजहां के साथ कारोबार करता था। जमीन और पैसों को लेकर उनका आपसी विवाद था। पहले जहांगीर उसे भी मुनाफे में हिस्सा देते थे, लेकिन बाद में देना बंद कर दिया। इसी कारण उसने हत्या की साजिश में भागीदारी की। उसने बताया कि पहले भी जहांगीर को मारने के लिए मुम्बई में एक महीने तक शूटरों ने पीछा किया था, लेकिन संदेह होने पर जहांगीर ने घर से निकलना बंद कर दिया था। इस टीम ने की गिरफ्तारी
गिरफ्तार करने वालों में थाना प्रभारी निरीक्षक के.के. सिंह, उपनिरीक्षक एवं चौकी प्रभारी सतहरिया गंगा सागर मिश्र, हेड कांस्टेबल राकेश यादव, कांस्टेबल पंकज मिश्रा, कांस्टेबल संदीप यादव (द्वितीय), कांस्टेबल जितेंद्र यादव (प्रथम), कांस्टेबल राकेश मणि शामिल रहे।