जिले के रामपुर पुवारी मांझा में सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर से तेज कटान हो रहा है। इससे गांव का काली माता मंदिर और 11 घर डूबने की कगार पर हैं। स्थानीय प्रशासन से ठोस मदद न मिलने पर ग्रामीण खुद ही बोरियों में मिट्टी भरकर कटान रोकने का प्रयास कर रहे हैं। परमात्मा निषाद समेत ग्रामीण ने बताया कि सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से कटान बहुत तेज हो गई है। इससे गांव का काली माता मंदिर और कई घर बहने का खतरा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से केवल आश्वासन मिल रहा है। कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। गांव में मोहनलाल निषाद, सोहन लाल निषाद, संतराम निषाद, दीवानचंद, अजय निषाद, रामनरायण निषाद, बैजनाथ निषाद, रामप्रताप, लछमन, विद्याप्रसाद, सुरेंद्र, रतिराम और रतीभान सहित अन्य लोगों के घर खतरे में हैं। सभी ने मदद की गुहार लगाई है। ग्रामीणों के अनुसार, गांव में कुल 80 घर हैं। इनमें से अभी 11 मकान कटान की चपेट में आ रहे हैं। सरयू का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। कुछ माह पूर्व बांध बनवाने का काम शुरू हुआ था। लेकिन वह भी प्रभावी नहीं है। गांव की तरफ तेजी से कटान हो रहा है। ग्रामीण अपने मवेशियों और सामान को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने को मजबूर हो रहे हैं। उनका कहना है कि अधिकारी आते हैं और सिर्फ आश्वासन देकर चले जाते हैं। वे कहते हैं कि जलस्तर और बढ़ने पर सूचना दें। ग्रामीणों ने स्थिति का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया है। वे बोरियों में मिट्टी भरकर कटान वाले स्थान पर डाल रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे अपना प्रयास कर रहे हैं। अब या तो सरयू मां उन्हें बचाएगी या फिर वे यहां से उजड़ जाएंगे। रात-दिन ग्रामीण बढ़ रहे जलस्तर को ही देख रहे हैं। उन्हें डर है कि पानी गांव में प्रवेश कर जाए और 11 परिवारों के मकान पूरी तरह से सरयू की धारा में डूब जाएं।