अयोध्या में 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के फोरलेन निर्माण के तहत सरयू नदी पर श्रृंगी ऋषि आश्रम पुल का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। यह पुल मया बाजार विकासखंड क्षेत्र में बनाया जा रहा है। इस पुल के बनने से बस्ती, अंबेडकरनगर, अयोध्या और गोंडा जिलों के निवासियों को आवागमन में सुविधा मिलेगी। सिंगी ऋषि आश्रम आने वाले श्रद्धालुओं को भी इसका लाभ होगा। स्थानीय लोगों द्वारा सरयू नदी पर पुल बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। लेकिन निर्माण नहीं हो रहा था। लोगों की उम्मीदें टूट गई थी कि अब यहां पुल नहीं बन पाएगा। जहां पर लोगों की मांग पुल बनवाने की थी वहीं से 84 कोसी परिक्रमा मार्ग भी था फोरलेन कार्य शुरू होने के साथ ही इस पुल का निर्माण कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया। 84 कोसी परिक्रमा बस्ती के मखौड़ा धाम से शुरू होती है, जहां राजा दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ किया था। साधु-संत हनुमान बाग होते हुए इसी पुल के रास्ते श्रृंगी ऋषि आश्रम पहुंचेंगे। तुलना होने के चलते राम भक्तों को नव से नदी को पार करना पड़ता था। लेकिन अब इस पुल के निर्माण से बस्ती, गोंडा और अयोध्या के बीच आवागमन की दूरी काफी कम हो जाएगी। इससे न केवल लोगों के आपसी संबंध मजबूत होंगे, बल्कि व्यापारिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी। यह पुल लगभग तीनों चलो से करीब 3000 गांवों को सीधे जोड़ेगा, जिससे बस्ती, अंबेडकरनगर और अयोध्या जैसे तीन जिलों का विकास होगा। अयोध्या और बस्ती का जुड़ाव सदियों पुराना है, लेकिन पुल के अभाव में आवागमन बाधित होता था। अब पुल बनने से लोगों का आवागमन, रिश्तेदारी और व्यापार बढ़ेगा, जिससे क्षेत्र में सुविधा होगी। श्रृंगी ऋषि आश्रम में भी श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होने की उम्मीद है। स्थानीय लोगों के अनुसार, पहले बस्ती और अयोध्या के लोगों को आने-जाने के लिए टांडा होकर लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। 84कोसी परिक्रमा मार्ग पर इस पुल के निर्माण से अब वे बस्ती, गोंडा और अयोध्या के बीच कम दूरी तय कर यात्रा कर सकेंगे। श्रृंगी ऋषि आश्रम ऐसा आश्रम जहां आने वाले हर राम भक्त की मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है।