गोरखपुर में सरयू नदी खतरे के बिन्दु यानी लाल निशान के पार पहुंच गई है। बड़हलगंज ब्लाक के 4 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। बगहा देवार गांव में मझौली नाव लगानी पड़ी है। लोगों को गांव से बाहर जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। डीएम दीपक मीना ने बगहा देवार गांव में कटान स्थल का निरीक्षण किया और प्रभावी उपाय करने के निर्देश दिए। इस गांव में सरयू नदी का कटान अब कुछ थम गया है। जिले में 250 मझौली और बड़ी नाव को तैयार रखा गया है।
जिले में बाढ़ का आंशिक असर अभी दक्षिणांचल में ही पड़ा है। दो दिनों से राप्ती नदी के बढ़ने की गति कम हुई है। शुक्रवार को दोपहर बाद से नदी उतार पर है। इससे लोगों ने राहत की सांस ली है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को एलर्ट पर रखा गया है। सभी बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। जिले के अधिकतर क्षेत्रों में आबादी पर असर नहीं
जिले के दक्षिणांचल में बड़हलगंज ब्लाक के 4 गांव बगहा देवार, कोल खास, नेतवार पट्टी व ज्ञानपुर बाढ़ के पानी से प्रभावित हैं। अयोध्या पुल एवं बरहज में सरयू नदी खतरे के निशान से ऊपर चल रही है। बीच का हिस्सा होने के कारण गोरखपुर में भी नदी खतरे के निशान से ऊपर है। हालांकि अभी तक किसी बांध में रिसाव या अन्य किसी दिक्कत की सूचना नहीं आयी है। लोगों की सुविधा को देखते हुए बगहा देवार में मझौली नाव लगाई गई है।
कटान से पीड़ित लोगों को नई जगह बसाने की योजना बनाएगा प्रशासन
जिलाधिकारी दीपक मीण ने चिल्लूपार के विधायक राजेश त्रिपाठी के साथ बड़हलगंज क्षेत्र में सरयू नदी से कट रहे बगहा देवार गांव का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि कटान से पीड़ित लोगों को किसी अन्य स्थान पर बसाने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाए। इस गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय की स्थिति खराब है। डीएम ने एसडीएम को दूसरी जमीन तलाश करने का निर्देश दिया। बाढ़ खंड के अधिकारियों से कहा कि कटान से गांव को बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएं। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को उन्होंने निर्देश दिया कि बगवा देवार में सड़क के कटान को रोकने परियोजना बनाकर शासन को भेजवाया जाए।
यहां से डीएम पटना गांव में स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में बनाए गए राहत शिविर देखने पहुंचे। उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को यहां लाया जाए और उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
डीएम ने एनएच के अधिकारियों को निर्देश दिया कि रामजानकी मार्ग को मोटरेबल किया जाए। निरीक्षण के दौरान एडीएम वित्त एवं राजस्व विनीत सिंह, एसडीएम गोला अमित जायसवाल, सहायक सूचना निदेशक प्रशांत श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।
बाढ़ चौकियों पर हो रही ग्राम सुरक्षा समिति की बैठक
बाढ़ को देखते हुए बनाई गई बाढ़ सुरक्षा चौकियों पर ग्राम सुरक्षा समिति की बैठक हो रही है। गोरखपुर में राप्ती नदी का जलस्तर खतरने के निशान से लगभग 1 मीटर 52 सेमी नीचे है। फिरभी एहतियात के तौर पर बरहुआ में बनाई गई बाढ़ चौकी पर ग्राम सुरक्षा समिति की बैठक की गई। प्रति घंटे एक सेमी घटी राप्ती
राप्ती नदी पिछले 8 घंटे में 8 सेमी नीचे आयी है। दो दिनों तक तेजी से बढ़ने के बाद राप्ती नदी के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार की सुबह नदी का जलस्तर 73.54 मीटर था। शाम 4 बजे तक यह 73.46 मीटर हो गया। हालांकि बांसी में नदी बढ़त पर है। इसलिए माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में फिर पानी बढ़ सकता है।