सहारनपुर में एक युवक ने एक एडवोकेट पर ऑनलाइन अर्निंग ऐप से धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। पीड़ित ने कोर्ट के माध्यम से आरोपी एक एडवोकेट समेत दो पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया। इनके कहने पर SMINTL नामक एक ऑनलाइन अर्निंग ऐप में निवेश किया। आरोपियों ने पैसा लगाने के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाया है। मामला सिटी कोतवाली का है। पीड़ित जुबेर ने कोर्ट के माध्यम से प्रार्थना पत्र देकर जुबेर और एडवोकेट वसीम के खिलाफ धोखाधड़ी, मारपीट, धमकी, और कूटरचना जैसे संगीन आरोप लगाए हैं। जुबेर का आरोप है कि वो और उसके पिता नौशाद अली काफी समय से वसीम के भाई अलीम के साथ मिलकर पुराने और नए मोबाइल का क्रय-विक्रय करते थे। इस बीच जुबेर के बहनोई शाहवेज मलिक और वसीम ने SMINTL नामक एक ऑनलाइन अर्निंग ऐप में निवेश किया और जुबेर को भी उसमें पैसे लगाने को कहा। जुबेर के मना करने के बावजूद वसीम ने दावा किया कि वह एक लाख रुपए लगाकर रोजाना 3 हजार रुपए कमा रहा है। पीड़ित का कहना है कि कुछ समय बाद SMINTL ऐप बंद हो गया। आरोप है कि वसीम ने कई अन्य लोगों से भी इस ऐप में पैसा लगवाया था। ऐप के बंद होते ही निवेशक वसीम के पास आने लगे और उससे झगड़ा करने लगे। वसीम और उसके गिरोह ने इन हालातों से बचने के लिए जुबेर के खिलाफ झूठे आवेदन विभिन्न अधिकारियों को देने शुरू कर दिए। जुबेर ने इन सभी आरोपों का खंडन करते हुए साइबर क्राइम और थाना कोतवाली नगर में अपनी सफाई दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जुबेर का आरोप है कि इसके बाद वसीम ने उसे अपने भाई की दुकान से निकाल दिया और उसका सामान जिसमें मोबाइल फोन, चेकबुक (एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक), एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड और उसकी पत्नी की चेकबुक शामिल थी, जबरन कब्जे में ले लिया। 21 जुलाई 2024 को जब जुबेर दोपहर एक बजे अपना सामान लेने गया, तो वसीम ने उसके साथ मारपीट की और स्कूटर भी छीन लिया। हालांकि पुलिस ने स्कूटर वापस कर दिया, लेकिन अन्य सामान अभी तक नहीं लौटाया गया। पीड़ित का कहना है कि वसीम उसे झूठे मुकदमे में फंसाने और जान से मारने की धमकी देता है। वसीम ने खुद को एडवोकेट बताते हुए कहा कि मैं तेरे जैसे बहुतों का इलाज कर चुका हूं, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। जुबेर को 7 फरवरी 2025 को जानकारी मिली कि उसके नाम की चेक संख्या 19025 से 15.45 लाख की रकम किसी व्यक्ति को दी गई है, जबकि उसने ऐसा कोई चेक नहीं जुबेर ने तुरंत एक्सिस बैंक जाकर अपनी चेकबुक ब्लॉक कराई। बाद में पता चला कि वसीम ने जुबेर की चेकबुक से फर्जी हस्ताक्षर करके चेक अपने खाते में लगवाया है। आरोप है कि इसके बाद जुबेर थाना गया, लेकिन वहां कोई कार्रवाई नहीं हुई। जुबेर ने 10 फरवरी को एसएसपी को रजिस्टर्ड डाक से शिकायत भेजी, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसके बाद एसीजेएम तृतीय कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है।