सावन के तीसरे सोमवार पर बैजनाथ धाम में उमड़े भक्त:दूर- दूर से आए श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक

Jul 28, 2025 - 12:00
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सावन के तीसरे सोमवार पर बैजनाथ धाम में उमड़े भक्त:दूर- दूर से आए श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक
कानपुर के पतारा में सावन के तीसरे सोमवार पर पतारा कस्बे का बाबा बैजनाथ धाम मंदिर श्रद्धा और भक्ति से सराबोर रहा। दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने गाय का दूध, बेलपत्र, गंगाजल और धतूरा अर्पित कर भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। पूरा मंदिर परिसर "हर-हर महादेव" और "बोल बम" के जयघोष से गूंज उठा। इस मंदिर की मान्यता और इतिहास बेहद चमत्कारी और आस्था से भरपूर है। स्थानीय बुजुर्गों के अनुसार, पहले यह क्षेत्र पतावर (पलाश) के जंगल से घिरा था। इसी जंगल में बैजू नाम का चरवाहा अपनी गायें चराने आता था। एक दिन उसकी गाय रोज एक ही स्थान पर दूध गिराने लगी। जब उस स्थान की खोदाई कराई गई, तो धरती से शिवलिंग निकला। कहा जाता है कि खुदाई में शिवलिंग को चोट लगी, जिससे रक्त की धार निकल पड़ी। भक्तों ने घी का लेप किया, तब जाकर रक्त रुक पाया। तभी से यहां शिव पूजन शुरू हुआ और बैजू के नाम पर इस मंदिर का नाम पड़ा बैजनाथ धाम। ‘आल्हा-ऊदल’ जैसे बुंदेलखंडी वीरगाथा काव्य में भी इस मंदिर का उल्लेख मिलता है। यहां हर सोमवार शिव प्रतिमा का विशेष श्रृंगार किया जाता है और रातभर भजन-कीर्तन चलता है। स्थानीय श्रद्धालु राजन तिवारी, लक्ष्मण सिंह, पुतान सिंह और धर्मेंद्र शुक्ला ने बताया कि बाबा की महिमा दूर-दूर तक फैली है और जो सच्चे मन से दर्शन करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। श्रद्धालु रवि गुप्ता ने कहा कि सावन के महीने में तो यहां का माहौल दिव्यता से भर जाता है। दूर-दूर से भक्त दर्शन को आते हैं। कानपुर-सागर राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे बसे पतारा कस्बे की पुलिस चौकी रोड पर स्थित यह मंदिर, कथाओं, चमत्कारों और श्रद्धा की जीवंत मिसाल है। सावन सोमवार के इस पावन दिन यहां की हर एक घंटी, हर एक दीपक और हर एक कदम पर भोलेनाथ के प्रति श्रद्धा की गवाही देता है।

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